दिल्ली में लगातार बढ़ रही प्रदूषण को काबू में करने के लिए केजरीवाल हुए एक्टिव, जारी किया नई गाइडलाइंस
नई दिल्ली | देश की राजधानी दिल्ली के लोगों को प्रदूषण से निजात दिलाने के लिए सीएम अरविंद केजरीवाल ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया. उन्होंने राजधानी में सर्दियों के दौरान जानलेवा प्रदूषण से समय रहते पार पाने के लिए आज दिल्ली विंटर प्लान का ऐलान किया. उन्होंने कहा कि विंटर एक्शन प्लान के तहत 15 प्वाइंट्स पर काम किए जाएंगे।
दिल्ली में 13 हॉटस्पॉट चिन्हित किए गए हैं. इन सबके लिए अलग से प्लान बनाया गया है.
पराली के समाधान के लिए पिछले 3 साल से बायोटिक कंपोजर का मुफ्त में छिड़काव किया जा रहा है. पिछले साल 4400 एकड़ में छिड़काव किया गया था. इस साल 5000 एकड़ से अधिक भूमि पर मुफ्त में छिड़काव किया जाएगा.
डस्ट पॉल्युशन कम करने के लिए कंस्ट्रक्शन साइट पर नियमित नजर रखने की योजना है. इसके लिए अलग से 591 टीमें बनाई गई हैं.
82 रोड स्वीपिंग मशीन लगाई जा रही हैं. 530 मशीन वाटर स्प्रिंकलर के लिए लगाई जा रही हैं. 258 मोबाइल एंटी स्मोकिंग सड़कों पर पानी छिड़काव के लिए लगाई जा रही हैं.
वाहनों से होने वाले प्रदूषण को कम करने के लिए PUC सर्टिफिकेट की जांच होगी. 10 साल पुरानी डीजल वाहन और 15 साल पुराने पेट्रोल वहां के प्रबंध का अनुपालन करने के लिए 385 टीमों का गठन किया गया है. 90 जगहों की पहचान की गई है जहां कंजेशन काम करने के लिए विशेष टीमों को तैनात किया जाएगा और वैकल्पिक रूट लेने के लिए लोगों को एडवांस में जानकारी दी जाएगी.
खुले में कूड़ा जलाने पर रोक रहेगी. कहीं भी खुले में लोग कूड़ा ना जलाएं, इसके लिए 611 टीमों का गठन किया गया है.
औद्योगिक प्रदूषण पर नजर रखने के लिए 66 टीम में बनाई गई हैं, जो यह देखेंगे कि इंडस्ट्रियल यूनिट अनाधिकृत और प्रदूषणकारी ईंधन का उपयोग न करें.
ग्रीन वार रूम बनाया जाएगा जो 24 घंटे मॉनिटरिंग करेगा. 3 अक्टूबर से ग्रीन वार रूम शुरू किया जाएगा. इसके लिए 9 मेंबर की विशेषज्ञ टीम तैनात की जा रही है.
रियल टाइम सोर्स अपॉच्र्शन स्टडी की जा रही है.
पटाखों पर पिछले साल की तरह इस बार भी प्रतिबंध रहेगा.
दिल्ली के अंदर वृक्षारोपण अभियान के तहत 75 फीसदी पौधे लगाए जा चुके हैं. 15 अक्टूबर से दूसरा चरण शुरू किया जाएगा.
ई-वेस्ट से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए होलंबी कलां में 20 एकड़ क्षेत्र में एक ई-वेस्ट पार्क विकसित किया जाएगा.
जन जागरूकता अभियान चलाया जाएगा.
ग्रेड रिस्पांस एक्शन प्लान लागू किया जाएगा.
कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट और एनसीआर राज्यों के साथ संवाद किया जाएगा.