अहमदाबाद | अहमदाबाद सेशंस कोर्ट ने आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को राहत देने से इनकार किया। कोर्ट ने केजरीवाल और राज्यसभा सांसद संजय सिंह की ओर से दायर रिवीजन पिटीशन को खारिज कर दिया। 'आप' नेताओं ने मजिस्ट्रेट कोर्ट की ओर से जारी किए गए समन को चुनौती देते हुए यह अर्जी अदालत के सामने लगाई थी। पीएम मोदी की डिग्री से जुड़े विवाद में गुजरात यूनिवर्सिटी ने दोनों नेताओं के खिलाफ मानहानि का केस दायर किया था।
अडिशनल सेशंस जज जेएम ब्रह्मभट्ट ने कहा कि मैजिस्ट्रेट ने शिकायत का संज्ञान लिया और केस के तथ्यों और परिस्थितियों के पूरे आकलन के बाद कानूनी प्रक्रिया शुरू की। डिजिटल और ऑडियो-वीडियो फुटेज को भी देखा गया। कोर्ट ने आगे कहा, 'मौजूदा केस में तथ्यों को ध्यान में रखकर मजिस्ट्रेट इस निष्कर्ष पर पहुंचे। रिकॉर्ड में लाए गए सामग्री के विश्लेषण से प्रक्रिया की शुरुआत की, जोकि ना तो अवैध है और ना गलत। इसलिए इन परिस्थितियों में कोर्ट को रिवीजन ऐप्लीकेशन में मेरिट नहीं मिला।'
केजरीवाल और सिंह के खिलाफ मानहानि केस मार्च में हाई कोर्ट के उस आदेश के बाद दायर किया गया, जिसमें अदालत ने मुख्य सूचना आयुक्त के आदेश को खारिज करते हुए पीएम मोदी की डिग्री जारी करने पर रोक लगा दी थी और केजरीवाल पर 25 हजार रुपए का जुर्माना लगाया, जिन्होंने यह सूचना मांगी थी। गुजरात यूनिवर्सिटी का आरोप है कि हाई कोर्ट के फैसले के बाद केजरीवाल और संजय सिंह ने यूनिवर्सिटी पर अपमानजनक टिप्पणियां कीं। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस और ट्विटर पर यह टिप्पणियां कीं।
'आप' नेताओं ने पहले सिविल और सेशंस कोर्ट का रुख किया, लेकिन उनकी अपील खारिज कर दी गई। इसके बाद वे गुजरात हाई कोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट गए। सर्वोच्च अदालत ने उन्हें दोबारा हाई कोर्ट भेजा। 29 अगस्त को हाई कोर्ट ने रिवीजन ऐप्लीकेशन को नई अदालत में भेजा और 10 दिन के भीतर इस पर फैसला लेने को कहा।