केजरीवाल पर लगातार 4 बैठकों से नदारद रहने का आरोप, NDMC मेंबरशिप को मिली चुनौती
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नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की नई दिल्ली म्यूनिसिपल काउंसिल की सदस्यता को चुनौती दी गई है. सूचना के अधिकार के तहत मिली जानकारी के मुताबिक 'नई दिल्ली नगर पालिका परिषद की जनसुविधा केंद्र को लेकर हुई 21 बैठकों में से केजरीवाल ने 20 में भाग नहीं लिया'. केजरीवाल एनडीएमसी की 22 दिसंबर 2021, 7 जनवरी 2022, 23 फरवरी 2022 और 30 मार्च 2022 को हुई 4 बैठकों से लगातार अनुपस्थित रहे.
एनडीएमसी के सदस्य कुलजीत चहल ने कहा कि पालिका की बैठकों में लगातार 4 बार अनुपस्थिति रहने वाले सदस्य की सदस्यता रद्द की जा सकती है. पालिका की 22 जून को हुई बैठक में एक बैठक में चहल ने प्रस्ताव पेश कर मुख्यमंत्री केजरीवाल की सदस्यता इसी नियम के तहत रद्द करने की मांग की है. हालांकि प्रस्ताव पर फैसला अगले महीने होने वाली बैठक में लिया जाएगा. चहल का दावा है कि पालिका अगर ऐसा प्रस्ताव पारित कर केंद्र सरकार को भेजती है तो इस पर अंतिम फैसला गृह मंत्रालय का होगा.
चहल का कहना है कि दिल्ली का बेटा बताने वाले केजरीवाल किसी भी तरह से जब अपने ही निर्वाचन क्षेत्र की जनता के प्रति जिम्मेदारी नहीं निभा रहे हैं तो मुख्यमंत्री के तौर पर दिल्ली की जनता के प्रति कितने गंभीर हैं, उसका अंदाजा लगाया जा सकता है. कुलजीत का ये भी कहना है कि विधानसभा में घोषणा करने के बावजूद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में प्रधानमंत्री स्वास्थ्य योजना आयुष्मान भारत योजना को लागू नहीं किया. इससे दिल्ली की जनता 5 लाख रुपए तक का उपचार मुफ्त में कराने की सुविधा से वंचित है. नई दिल्ली नगर पालिका परिषद में अपने क्षेत्र में यह सुविधा देने के लिए एक प्रस्ताव पारित कर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को भेजा गया है.
दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने आरोप लगाया कि दिल्ली में पानी की कमी न होने देने का वायदा करने वाले मुख्यमंत्री केजरीवाल ने पालिका क्षेत्र में बने केंद्र सरकार के अस्पतालों को पानी की सप्लाई में भारी कमी कर दी है. जिससे राममनोहर लोहिया, एम्स, लेडी हार्डिंग जैसे अस्पतालों में मरीजों और उनके हजारों परिजनों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. दिल्ली जल बोर्ड द्वारा एनडीएमसी क्षेत्र में स्थित अस्पतालों को जहां पहले 125 एमएलडी पानी मिलता था, उसे अब घटाकर 75 एमएलडी कर दिया गया है. यही नहीं, जब पानी की गुणवत्ता की जांच की गयी तो उसमें भी गंदगी पाई गई.