जामिया: वरिष्ठ सैन्य अधिकारी ने छात्रों से की 'आर्मी इज ए करियर ऑप्शन' पर मोटिवेशनल टॉक
नई दिल्ली (आईएएनएस)| जामिया के छात्रों को सेना में भर्ती होने के लिए प्रेरित करने का प्रयास किया जा रहा है। जामिया के छात्रों को बताया गया कि भारतीय सेना उम्मीदवारों को उनके धर्म या जाति को देखे बिना भर्ती करती है। इसके लिए दिल्ली स्थित जामिया मिलिया इस्लामिया में ''आर्मी इज ए करियर ऑप्शन'' विषय पर मोटिवेशनल टॉक का आयोजन किया गया। जामिया ने इस पर छात्रों से बात करने के लिए सेना के वरिष्ठ अधिकारी ब्रिगेडियर कौशिक मुखर्जी को आमंत्रित किया। सेना पदक से सम्मानित ब्रिगेडियर कौशिक, भर्ती 'ए' (अधिकारी चयन) के उप महानिदेशक हैं।
जामिया विश्वविद्यालय में यह है अनोखी पहल विश्वविद्यालय के प्लेसमेंट सेल ने राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) जामिया मिल्लिया इस्लामिया के साथ मिलकर की है।
ब्रिगेडियर मुखर्जी ने जामिया के छात्रों को उन मूल्यों से परिचत कराया, जो एक सैन्य अधिकारी कायम रखता है। उन्होंने निर्दिष्ट किया कि सेना में सेवा करने की इच्छा रखने वाले किसी भी व्यक्ति के लिए प्रमुख मूल्य नेतृत्व और टीमवर्क हैं। उन्होंने बार-बार इस बात पर जोर दिया कि कैसे एक अच्छा इंसान होना पहला आधार है और फिर एक अच्छा सैनिक और फिर एक अच्छा अधिकारी बना जाता है। ब्रिगेडियर कौशिक ने यहां छात्रों को अपने जीवन से जुड़े कुछ वास्तविक और शानदार उदाहरण पेश किए। उन्होंने छात्रों को अन्य सैन्य अधिकारियों के जीवन से जुड़े महत्वपूर्ण पहलुओं के बारे में भी बताया। सैन्य अधिकारियों के जीवन में घटित हुई यह महत्वपूर्ण घटनाएं छात्रों में आकर्षण का विषय रहीं।
युवा ऊर्जा से भरी एक सभा को संबोधित करते हुए, उन्होंने जीवन में एक लक्ष्य रखने के महत्व पर जोर दिया और बताया कि कैसे रचनात्मकता और नवीनता आपको आगे बढ़ा सकती है। देश में भारतीय सेना की भूमिका के बारे में विस्तार से बताते हुए, उन्होंने इस तथ्य पर प्रकाश डाला कि भारतीय सेना उम्मीदवारों को उनके धर्म या जाति को देखे बिना भर्ती करती है।
ब्रिगेडियर मुखर्जी ने एसएसबी पर विशेष जोर देने के साथ तकनीकी और गैर-तकनीकी दोनों स्नातकों के लिए चयन प्रक्रिया पर भी चर्चा की। उन्होंने बताया कि कैसे एसएसबी चयन की सबसे शानदार पद्धति में से एक है जो उम्मीदवारों को उनके मन, वचन और कर्म के आधार पर आंकती है।
वार्ता के अंत में, छात्रों ने ब्रिगेडियर मुखर्जी के साथ बातचीत की और सशस्त्र बलों में शामिल होने की इच्छा व्यक्त की। स्नातक और स्नातकोत्तर छात्रों से कमरा भरा हुआ था जो देश के सम्मानित व्यक्तित्व से मिलने के लिए बहुत उत्साहित थे। जामिया विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि यह एक जानकारीपूर्ण और प्रेरक सत्र था जो निश्चित रूप से छात्रों के जीवन में बदलाव लाएगा।
--आईएएनएस