विपक्षी दलों का 'इंडिया' के रूप में लड़ना अच्छा विचार है

Update: 2023-07-24 05:14 GMT

नई दिल्ली। भारत की अग्रणी चुनाव एजेंसी सीवोटर द्वारा किए गए एक विशेष सर्वेक्षण से पता चलता है कि करीब आधे भारतीयों की राय है कि विपक्षी दलों ने 2024 के लोकसभा चुनाव में एनडीए के खिलाफ लड़ने के लिए 26 विपक्षी दलों के गठबंधन का 'इंडिया' के रूप में ब्रांडिंग सही कदम है।

सीवोटर सर्वे के दौरान पूछा गया सवाल था : क्या विपक्ष का अपने गठबंधन का नाम इंडिया रखने का फैसला सही है या गलत? कुल मिलाकर, 48.6 प्रतिशत उत्तरदाताओं का कहना है कि यह सही निर्णय है, जबकि 38.8 प्रतिशत उत्तरदाताओं का कहना है कि यह गलत निर्णय है। सर्वेक्षण में नमूना आकार 2,664 था।

विपक्षी दलों का समर्थन करने वाले और एनडीए का समर्थन करने वाले उत्तरदाताओं के बीच स्पष्ट मतभेद है। विपक्षी दलों का समर्थन करने वालों में से पांच में से तीन उत्तरदाताओं का कहना है कि यह सही निर्णय है।

गौरतलब है कि विपक्षी दलों का समर्थन करने वाले लगभग 30 फीसदी लोगों की राय है कि यह एक गलत फैसला है।

एनडीए समर्थकों के बहुमत (53 फीसदी) का कहना है कि यह गलत फैसला है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाले एनडीए से लड़ने के लिए विपक्षी दलों का गठबंधन बनाने के लिए नेताओं की कई महीनों से बातचीत चल रही थी। आपसी सहमति बनाने के लिए लंबी बातचीत चली, क्योंकि इनमें से कई विपक्षी दल कुछ राज्यों में एक-दूसरेे के नावी प्रतिद्वंद्वी हैं।

उदाहरण के लिए, आप और कांग्रेस दिल्ली के साथ-साथ पंजाब में भी प्रतिद्वंद्वी हैं। इसी तरह, कांग्रेस और वामपंथी दल केरल में प्रतिद्वंद्वी हैं, जबकि वे पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के खिलाफ गठबंधन के रूप में लड़ते हैं।

संयुक्त विपक्ष की पहली बैठक पटना में हुई थी, जिसमें 16 पार्टियां शामिल हुई थीं। हाल ही में बेंगलुरु में हुए पुनर्मिलन में 26 पार्टियां जुट गईं। इस दौरान 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा और एनडीए के विकल्प के रूप में आईएनडीआईए यानी 'इंडिया' शब्द गढ़ा गया।

संयुक्त विपक्ष की तीसरी बैठक मुंबई में आयोजित होने वाली है। विपक्षी दलों का प्राथमिक उद्देश्य करीब 400 लोकसभा सीटों पर भाजपा के खिलाफ साझा उम्मीदवार खड़ा करना है, ताकि विपक्ष के वोट बंट न पाएं।

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