ओपीडी पहुंचे 60 बच्चों की आंतों में संक्रमण मिला

Update: 2023-03-29 13:51 GMT

नोएडा न्यूज़: बाल चिकित्सालय एवं स्नातकोत्तर संस्थान की गैस्ट्रो ओपीडी में आने वाले 60 प्रतिशत बच्चों की आंतों में संक्रमण मिला है. गलत खानपान सहित इसके कई कारण डॉक्टर मान रहे हैं. इन मरीजों का इलाज लंबा चलता है.

बाल चिकित्सालय की गैस्ट्रो की ओपीडी में प्रत्येक दिन 58-60 मरीज इलाज के लिए आते हैं. इनमें से 33-35 मरीजों के आंतों का संक्रमण पाया गया. इन मरीज नवजात से लेकर 18 साल तक की उम्र के हैं. कई बच्चों में जन्मजात आंतों की दिक्कत होने की बात भी कही गई है, लेकिन ऐसे मामलों की संख्या काफी कम है.

इन कारणों से परेशानी बाल चिकित्सालय एवं स्नातकोत्तर संस्थान के गैस्ट्रो विभाग के डॉ. विग्नेश बताते हैं कि आंतों में संक्रमण के प्रमुख कारणों में गलत खानपान, बैक्टीरियल और वायरल संक्रमण और एलर्जी आदि है. इसके लिए एहतियात बहुत जरूरी है. स्वच्छ वातावरण में न रहने से ऐसी परेशानी ज्यादा होती है. लिहाजा बीमारी से बचाव के लिए स्वच्छता बेहद जरूरी है.

पेट से संबंधित टीबी के 70 मरीज एक साल में पेट से संबंधित टीबी से पीड़ित 70 मरीज इलाज के लिए बाल चिकित्सालय में आए. इन मरीजों में से ज्यादातर स्वस्थ हो चुके हैं. बचे हुए मरीजों का इलाज चल रहा है. आंतों में गांठ, अल्सर सहित अन्य तरह की परेशानी होती है. पेट में टीबी होने पर पेट में दर्द, वजन कम होना, पेट फूलना, कब्ज, दस्त आदि की परेशानी होती है.

जंक फूड ने भी बढ़ाई परेशानी जंक फूड की लत पेट से संबंधित परेशानी के मुख्य कारणों में से है. डॉक्टर बताते हैं कि बच्चों को घर में बने भोजन ही देना चाहिए. साथ ही प्रतिदिन एक फल का सेवन फायदेमंद है.

बेहतर काम के बदले बच्चों को जंक फूड देने से बचें अभिभावक

राष्ट्रीय कैंसर रोकथाम एवं शोध संस्थान की निदेशक डॉ. शालिनी सिंह बताती हैं कि बच्चों के बेहतर परीक्षा परिणाम आने या किसी अन्य उपलब्धि पर जंक फूड का न्योता अभिभावकों को नहीं देना चाहिए. इससे वह जंक फूड खाने के लिए प्रेरित होते हैं.

लक्षण:

● पेट में दर्द, उल्टी और दस्त, बुखार

● ठंड लगना, भूख कम लगना

इनके बाद हाथ धोना जरूरी

● सब्जियों, बिना पके मांस को छूने के बाद और पेड़ पौधे और मिट्टी छूने के बाद

● पालतू जानवरों को छूने के बाद

● शौच के बाद, जूत्ते-चप्पल आदि छूने के बाद

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