एप से क्रिकेट मैच में सट्टा लगाने वाले अंतरराष्ट्रीय गिरोह का भंडाफोड़, चार गिरफ्तार
क्रिकेट मैच में एप से ऑनलाइन सट्टा लगाने वाले अंतरराष्ट्रीय गिरोह के सरगना समेत चार सट्टेबाजों को नोएडा पुलिस ने गिरफ्तार किया है। चारों आरोपी ईस्ट अफ्रीका कप के टी-20 मैच में सट्टा लगवा रहे थे। चारों की पहचान दिल्ली निवासी सरगना गौरव गुप्ता, गाजियाबाद निवासी नितिन कुमार, राजस्थान निवासी अजीत सिंह और दिनेश गर्ग के रूप में हुई है। आरोपियों के पास से नौ देशों की विदेशी मुद्रा, दो कारें और 3.79 लाख रुपये नकद समेत इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस बरामद की गई है। जालसाज छह वर्षों से एनसीआर में सट्टेबाजी कर रहे थे। पुलिस पूछताछ में पता चला है कि आरोपी 12 से ज्यादा देशों में जाकर सट्टेबाजी कर चुके हैं।
कोतवाली सेक्टर-39 पुलिस की टीम ने एसीपी रजनीश वर्मा के नेतृत्व में सेक्टर-100 स्थित लोटस बुलेवर्ड सोसाइटी के 28वीं मंजिल के फ्लैट में दबिश देकर अंतरराष्ट्रीय ऑनलाइन सट्टेबाजी गिरोह का पर्दाफाश किया। डीसीपी हरीश चंदर ने बताया कि आरोपी सुप्रीम टीवी एप, बुलेट 24 टीवी और क्रिकलाइन एप के माध्यम से क्रिकेट मैच में सट्टा लगवाते थे। आरोपी जूम एप व अन्य सोशल साइट के माध्यम के लोगों से संपर्क करते थे।
आरोपी मोबाइल व लैपटॉप पर एप चालू कर लोगों को जोड़ते थे। एप में स्क्रीन पर मैच का भाव दिखाई देता था, जो घटता व बढ़ता रहता था। भाव देखकर कॉम्पैक्ट ब्रीफकेश के माध्यम से स्पीकर पर ग्राहक के भाव सुना जाता था। इसके बाद ग्राहकों को जूम कॉल से जोड़ा जाता था। मैच के दौरान जूम मीटिंग लगातार चलती थी। जूम मीटिंग के माध्यम से ग्राहक जुड़ते थे। अक्सर सट्टा जीतने वाले ग्राहकों को मैच खत्म होने से पहले ही डिस्कनेक्ट कर दिया जाता था।
सरगना टेस्ला-20 ने आईपीएल में दुबई से की थी सट्टेबाजी, पहली बार गिरफ्तार
एसीपी रजनीश वर्मा का कहना है कि गिरोह का सरगना गौरव पिछले छह साल से सट्टेबाजी कर रहा है। गौरव टेस्ला-20 के नाम से जाना जाता है। इसका नेटवर्क विदेशों तक फैला है। देश के टॉप टेन सट्टेबाजों में शामिल गौरव पहली बार गिरफ्तार हुआ है। पुलिस पूछताछ में पता चला है कि वह आईपीएल के दौरान दुबई गया था। करीब 45 दिनों तक उसने दुबई से ही ऑनलाइन सट्टेबाजी को संचालित किया था। सरगना मैच के लिए श्रीलंका भी परिवार के साथ जा चुका है।
50 हजार रुपये प्रतिमाह था फ्लैट का किराया
एडीसीपी शक्ति मोहन अवस्थी का कहना है कि जालसाज पहले दिल्ली व अन्य स्थानों से इस तरह सट्टेबाजी कर रहे थे। इसी एक अगस्त को आरोपियों ने सेक्टर-100 स्थित लोटस बुलेवर्ड सोसाइटी में तीन बेडरूम का फ्लैट किराये पर लिया था। फ्लैट का किराया 50 हजार रुपये था। मकान मालिक ने किरायेदारों का पुलिस सत्यापन नहीं कराया था। फ्लैट के एक कमरे में सट्टे का पूरा सेटअप बना हुआ था। आरोपी फ्लैट के अंदर ही अपने सट्टे का कारोबार करते थे। उनके खाने पीने का राशन बाहर से ही उपलब्ध कराया जाता था ताकि आसपास के लोगों को इन पर शक न हो। सट्टेबाजी के लिए उन्होंने बेहतर क्षमता वाला ब्राडबैंड कनेशक्शन लिया था।
विदेशी मुद्रा अधिनियम के तहत कार्रवाई
नोएडा पुलिस आरोपियों पर विदेशी मुद्रा अधिनियम के तहत कार्रवाई करेगी। गिरोह के सभी सट्टेबाजों का काम बंटा हुआ था। सरगना गौरव बेट चेक करता था और ग्राहकों से उनकी बेट मिलाने का काम करता था। दिनेश लैपटॉप पर ग्राहकों की बेट चढ़ाने और ग्राहकों का हिसाब बताने का कार्य करता था। अजीत ग्राहकों को भाव देने और उनकी बेट लिखने तथा माइक पर जूम मीटिंग में ग्राहकों से संपर्क करने का कार्य करता था। नितिन सट्टा कारोबार में सारा सामान उपलब्ध कराता था व ग्राहकों से पैसे लाने का कार्य करता था।
13 लाख खाते में कराए फ्रीज
पुलिस को इनके पास से डॉलर, दिरहम समेत मलेशिया, ओमान, भूटान, नेपाल, श्रीलंका, सिंगापुर और थाईलैंड की कुल चार लाख कीमत की विदेशी मुद्रा मिली हैं। वहीं इनके दस खातों में 13 लाख रुपये फ्रीज कराए गए हैं। 14 एटीएम और डेबिट कार्ड बरामद किए गए हैं। 20 परिचयपत्र व आधारकार्ड, तीन लैपटॉप चार्जर,एक एलईडी , एक प्रिंटर, सात मोबाइल चार्जर,दो कार, एक पैन कार्ड, 12 चेकबुक, चार पासपोर्ट, एक सिम, एक पासबुक, चार लैपटॉप, 25 मोबाइल भी इनके पास से मिले हैं।