अंतरराष्ट्रीय फर्जी कॉल सेंटर का हुआ पर्दाफाश, 1000 से ज्यादा लोगों के साथ करोड़ों रुपये की ठगी

Update: 2022-07-16 10:59 GMT

एनसीआर क्राइम न्यूज़ अपडेटेड: अपराध शाखा ने अमेरिकी नागरिकों से ठगी करने वाले अंतरराष्ट्रीय फर्जी कॉल सेंटर का पर्दाफाश कर मालिक समेत 18 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपी अमेरिकी सरकार की ओर से एजुकेशन लोन देने के नाम पर ठगी करते थे। शुरुआती जांच में पता चला है कि 1000 से ज्यादा लोगों के साथ करोड़ों रुपये की ठगी कर चुके हैं। पुलिस ने 20 लाख रुपये, 11 डेस्कटॉप, आठ लैपटॉप बरामद किए हैं। अपराध शाखा डीसीपी विचित्र वीर के मुताबिक एसआई सीताराम को 12 जुलाई को सूचना मिली थी कि मुंडका गांव में फर्जी कॉल सेंटर चल रहा है। सूचना के बाद एसीपी अभिनेंद्र जैन की देखरेख में इंस्पेक्टर पंकज ठकरान व एसआई सीताराम आदि की टीम गठित की गई। टीम ने दबिश दी तो यहां काम करने वाले लोग अमेरिकी नागरिकों को कॉल कर रहे थे। जांच में पता लगा कि नजफगढ़ निवासी नितिन सिंह (30) कॉल सेंटर का मालिक है। वह नोएडा, यूपी निवासी दया निधि प्रसाद के साथ मिलकर कॉल सेंटर को चला रहा था। पुलिस ने कॉल सेंटर मालिक नितिन सिंह व अन्य आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। 16 अन्य आरोपी टेलीकॉलर थे। इनकी पहचान सिकंदपुर, हरियाणा निवासी हैरी(20), जासन (26), गुरुग्राम, हरियाणा निवासी माइक तामंग (25), दिल्ली निवासी हेनरी थॉमस (30), जॉहन लोना (32), बिल्ली सीवा (29), फ्रेंसाइज (19), अलबर्ट पामे (24), जॉन (32), जैक्सन पामे (21), केविन फॉस्टर (26), केविन लनाह (21), ट्रोय एनएस (26), जेम्स सीएस (25), तिंगबाग्वे कौरिंग (26) और रेमंड मिजो (29) के रूप में हुई है।

आरोपी नितिन ने पूछताछ में बताया कि वह कमल नाम के आरोपी से अमेरिकी नागरिकों का डाटा लेता था। इसके बाद टेलीकॉलर इंटरनेट के जरिये कॉल करते थे। नागरिकों से आरोपियों को जो गिफ्ट वाउचर का नंबर मिलते थे उनको रुपयों में दया कैश कराता था।

ऐसे करते थे ठगी: आरोपी अमेरिकी नागरिकों को इंटरनेट कॉल करते थे। ये लोगों को कहते थे कि वह अमेरिकी सरकार के ग्रांट विभाग से बोल रहे हैं। ये कहते थे कि उनका चयन हायर एजुकेशन के लिए फ्री लोन के लिए हुआ है। पीड़ित जब लोन लेने के लिए तैयार हो जाता था तो ये उससे कहते कि उसे पंजीकरण कराना होगा। ये रजिस्ट्रेशन के नाम पर विभिन्न कंपनियों के वाउचर खरीदवाते थे। इसके बाद वह पीड़ित से वाउचर का नंबर पूछ लेते थे। नितिन दया के जरिये इन वाउचर को रुपयों में कैश करा लेता था। 

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