पूर्वोत्तर में उग्रवाद में 74 फीसदी की कमी, माओवादी हिंसा में 55 फीसदी की कमी: गृह मंत्रालय

गृह मंत्रालय (एमएचए) ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट 2021-22 में कहा कि 2014 की तुलना में उत्तर पूर्वी राज्यों में उग्रवाद की घटनाओं में 74 प्रतिशत की कमी आई है।

Update: 2022-11-08 16:57 GMT

गृह मंत्रालय (एमएचए) ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट 2021-22 में कहा कि 2014 की तुलना में उत्तर पूर्वी राज्यों में उग्रवाद की घटनाओं में 74 प्रतिशत की कमी आई है।


इसने यह भी कहा कि 2014 के बाद से 2021 में देश में माओवादी हिंसा की घटनाओं में 55 प्रतिशत तक की कमी आई है।

रिपोर्ट में एमएचए ने कहा कि देश की आंतरिक सुरक्षा में काफी सुधार हुआ है।

गृह मंत्रालय के अनुसार, भारत के उत्तर पूर्वी राज्यों में सुरक्षा में 2014 के बाद से काफी सुधार हुआ है। इन राज्यों में 2020 में आतंकवाद और सुरक्षा बलों और नागरिकों की मौत की सबसे कम घटनाएं दर्ज की गई हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है कि इस अवधि में सुरक्षा बलों की मौत में 60 फीसदी और नागरिकों की मौत में 89 फीसदी की कमी आई है।

एमएचए ने कहा कि 2014 और 2021 के बीच, उत्तर पूर्वी क्षेत्रों में कुल 581 आतंकवादी मारे गए और 9,103 को गिरफ्तार किया गया।

पिछले आठ वर्षों में देश में माओवादी हिंसा की घटनाओं में भी काफी कमी आई है और इन घटनाओं में मरने वालों की संख्या में 63 प्रतिशत की कमी आई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि 2021 में माओवादी घटनाएं 1136 से घटकर 509 हो गई हैं और 2013 की तुलना में मरने वालों की संख्या 397 से घटकर 147 हो गई है।

रिपोर्ट के अनुसार, 2021 में आठ राज्यों में फैले 46 जिलों में 191 पुलिस थानों के तहत माओवादी हिंसा की सूचना मिली थी, जबकि 2013 में 10 राज्यों में फैले 76 जिलों के 330 पुलिस थानों में इसकी सूचना मिली थी।

गृह मंत्रालय ने कहा कि सीपीआई (माओवादी) देश के विभिन्न वामपंथी चरमपंथी संगठनों में सबसे शक्तिशाली है और कुल हिंसा के 90 प्रतिशत से अधिक और 95 प्रतिशत मौतों के लिए जिम्मेदार है।

सोर्स आईएएनएस


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