अर्थव्यवस्था में सुधार से मई में पहले नंबर पर रहा भारतीय बाजार, आखिर कैसे, यहां पढ़ें
नई दिल्ली, । यूरोपीय बाजारों में नकारात्मक रिटर्न और एसएंडपी 500 में सिर्फ एक प्रतिशत रिटर्न के मुकाबले निफ्टी में 2.8 फीसदी की तेजी के साथ भारत मई में अब तक का सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाला बाजार है। अन्य उभरते बाजारों का प्रदर्शन भी कमजोर है। जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी.के. विजयकुमार का कहना है कि इस उछाल के दो प्रमुख कारक हैं - पहला, एफपीआई का बाजार में पैसा लगाना और दूसरा, भारतीय अर्थव्यवस्था में सुधार।इस साल के पहले तीन महीनों में भारत में लगातार बिकवाली करने वाले एफपीआई मई में मजबूत लिवाल बने। एफपीआई ने 25 मई तक शेयर बाजारों के जरिए 29,668 करोड़ रुपये का निवेश किया है। उन्होंने कहा कि प्राथमिक बाजार के जरिए उन्होंने अतिरिक्त 5,136 करोड़ रुपये का निवेश किया है।
एफपीआई द्वारा यह निवेश भारतीय अर्थव्यवस्था और वित्त वर्ष 2023-24 में कंपनियों के प्रदर्शन के प्रति उनके विश्वास का प्रतिबिंब है। नवीनतम मैक्रो डेटा से पता चलता है कि भारतीय अर्थव्यवस्था को लंबे समय तक परेशान करने वाली बैंकिंग क्षेत्र पर दबाव और कॉर्पोरेट क्षेत्र के जोखिम की 'दोहरी समस्या' अब बीते दिनों की बात हो गई है। रिकॉर्ड लाभ और कम एनपीए के साथ बैंकिंग तंत्र की स्थिति में सुधार हुआ है। कॉपोर्रेट क्षेत्र ऋणमुक्त है और इसलिए कॉपोर्रेट अब उधार ले सकते हैं और निवेश कर सकते हैं और बैंकों के पास उधार देने के लिए पर्याप्त पैसा है। अर्थव्यवस्था में पूंजीगत व्यय पुनरुद्धार अभी नया-नया है, लेकिन गति पकड़ रहा है।