पहली तीन अर्थव्यवस्थाओं में एक नाम भारत का होगा

Update: 2023-07-27 09:55 GMT

नयी दिल्ली – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि हमारे तीसरे टर्म में दुनिया की पहली तीन अर्थव्यवस्थाओं में एक नाम भारत का होगा। ये मोदी की गारंटी है।

श्री मोदी कहा कि 2024 के बाद हमारे तीसरे टर्म में देश की विकास यात्रा तेजी से बढ़ेगी और देशवासी अपने सपने अपनी आंखों के सामने पूरे होते देखेंगे।

उन्होंने कहा कि आज पूरी दुनिया भारत की ओर देख रही है। भारत आज वो हासिल कर रहा है, जो पहले अकल्पनीय था, कोई सोच भी नहीं सकता था। विकसित होने के लिए हमें बड़ा सोचना ही होगा, बड़े लक्ष्य हासिल करने ही होंगे। इसलिए ‘थिंक बिग, ड्रीम बिग, एक्ट बिग’ के सिद्धांत को अपनाते हुए भारत आज तेजी से आगे बढ़ रहा है। कहा भी गया है- इतने ऊँचे उठो कि, जितना उठा गगन है। हम पहले से बड़ा निर्माण कर रहे हैं, हम पहले से बेहतर निर्माण कर रहे हैं, हम पहले से तेज गति से निर्माण कर रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि पूर्व से लेकर पश्चिम तक, उत्तर से लेकर दक्षिण तक, भारत का इंफ्रास्ट्रक्चर बदल रहा है। दुनिया का सबसे बड़ा सौर पवन पार्क आज भारत में बन रहा है। दुनिया का सबसे ऊंचा रेल ब्रिज आज भारत में है। दस हजार फीट से अधिक की ऊंचाई पर दुनिया की सबसे लंबी टनल आज भारत में है। दुनिया की सबसे ऊंची मोटरेबल रोड आज भारत में है। दुनिया का सबसे बड़ा क्रिकेट स्टेडियम आज भारत में है। दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा आज भारत में है। एशिया का दूसरा सबसे बड़ा रेल-रोड ब्रिज भी भारत में है। आज भारत दुनिया के उन देशों में है जहां ग्रीन हाइड्रोजन पर इतना बड़ा काम हो रहा है।

उन्होंने कहा कि आज हमारी सरकार के इस टर्म और पिछले टर्म के कार्यों का परिणाम पूरा देश देख रहा है। आज देश का विश्वास पक्का हो गया है कि अब भारत की विकास यात्रा रुकने वाली नहीं है। आप जानते हैं कि हमारे पहले टर्म की शुरुआत में भारत, विश्व अर्थव्यस्था में दसवें नंबर पर था। जब मुझे आज लोगों ने काम दिया तब हम दस नंबरी थे। दूसरे टर्म में आज भारत दुनिया की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और यह ट्रैक रिकॉर्ड के आधार पर, बातों-बातों में नहीं, ट्रैक रिकॉर्ड के आधार पर मैं कह रहा हूं।

श्री मोदी ने कहा कि मैं देश को ये भी विश्वास दिलाऊंगा कि तीसरे टर्म में, दुनिया की पहली तीन इकोनॉमीज में एक नाम भारत का होगा। यानी, तीसरे टर्म में पहली तीन इकोनॉमी में गर्व के साथ हिन्‍दुस्‍तान खड़ा होगा दोस्तों। तीसरे टर्म में दुनिया की शीर्ष तीन अर्थव्यवस्था में पहुंच कर रहेगा भारत और ये मोदी की गारंटी है। मैं देशवासियों को ये भी विश्वास दिलाऊंगा कि 2024 के बाद हमारे तीसरे टर्म में, देश की विकास यात्रा और तेजी से बढ़ेगी और मेरे तीसरे कार्यकाल में आप अपने सपने अपनी आंखों के सामने पूरे होते देखेंगे।

प्रधानमंत्री मोदी ने बुधवार को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के प्रगति मैदान में 2700 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनी-सह-सम्मेलन परिसर (आईईसीसी कॉम्पलेक्स) को एक भव्य एवं रंगारंग कार्यक्रम में बुधवार शाम राष्ट्र को समर्पित किया और कहा कि देश के सपने साकार हो रहे हैं।

कुल 123 एकड़ क्षेत्र में फैले इस अत्याधुनिक सम्मेलन केन्द्र का नाम भारत मंडपम रखा गया है। इसी केन्द्र में सितम्बर में भारत की अध्यक्षता में हो रहे विश्व की 80 प्रतिशत अर्थव्यवस्था का प्रतिनिधित्व करने वाले जी20 समूह के देशों के शीर्ष नेताओं का सम्मेलन होगा।

श्री मोदी ने इससे पहले सुबह परिसर में वैदिक रीति से हवन-पूजन किया और ट्विटर पर उसे साझा किया। उन्होंने इस परिसर के निर्माण में लगे श्रमिकों को सम्मानित किया और उनके साथ अपनी तस्वीर ट्विटर पर साझा की। शाम को आयोजित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री के साथ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और केन्द्रीय मंत्रिमंडल के उनके सहयोगी और आमंत्रित बड़ी संख्या में गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

प्रगति मैदान में भारतीय व्यापार संवर्धन संगठन (आईटीपीओ) के पुराने मंडपों को हटाकर उनकी जगह विकसित इस भव्य एवं विहंगम नये परिसर के उद्घाटन अवसर पर श्री मोदी ने अपने सम्बोधन में कहा, “ सपने साकार हो रहे हैं। ”

यह परिसर देश में बड़ी बैठकों, सम्मेलनों और प्रदर्शनियों की मेजबानी के लिए विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचे के विकास के संबंध में मोदी सरकार की सोच का परिणाम बताया जा रहा है।

इस परिसर में सम्मेलन केंद्र, प्रदर्शनी हॉल, खुले रंगमंच जैसी कई अत्याधुनिक सुविधाएं विकसित की गयी हैं। इसके

भव्य बहुउद्देश्यीय कक्ष और महाधिवेशन कक्ष की संयुक्त क्षमता सात हजार लोगों की है, जो ऑस्ट्रेलिया के प्रसिद्ध सिडनी ओपेरा हाउस की बैठने की क्षमता से भी अधिक है। एम्फीथिएटर (खुला रंगमंच) 3,000 व्यक्तियों की बैठने की क्षमता से सुसज्जित है।

सम्मेलन केंद्र का वास्तुशिल्प भारतीय परंपराओं से प्रेरित है और आधुनिक सुविधाओं और जीवन शैली को अपनाने के साथ-साथ अपने अतीत में भारत के आत्मविश्वास और दृढ़ विश्वास को भी दर्शाता है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि अपनी सरकार के नौ वर्ष के सरकार के दौरान विभिन्न नयी परियोजनाओं तथा निर्माण कार्यों का उल्लेख करते हुए कहा कि दिल्ली में जल्दी ही दुनिया का सबसे बड़ा संग्रहालय बनने जा रहा है।

उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री की हाल की फ्रांस की यात्रा के दौरान वहां के लॉवरे म्यूजियम के साथ एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किये गये जिसके तहत वह राजधानी में नये राष्ट्रीय संग्रहालय के विकास में सहयोग देगा। सरकार ने रायसीना हिल्स पर बने नार्थ ब्लाक और साउथ ब्लाक काे संग्रहालय का रूप देने की योजना बनायी है।

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