'इन-स्पेस को गैर-सरकारी संस्थाओं से 135 आवेदन प्राप्त हुए'

Update: 2023-02-08 14:53 GMT
नई दिल्ली (आईएएनएस)| केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने बुधवार को कहा कि अब तक अंतरिक्ष क्षेत्र में 135 गैर-सरकारी संस्थाओं (एनजीई) से इन-स्पेस को 135 आवेदन प्राप्त हुए हैं। सिंह ने अंतरिक्ष में स्टार्ट-अप पर एक प्रश्न के उत्तर में लोकसभा मे बताया कि भारतीय अंतरिक्ष स्टार्ट-अप को प्रारंभिक वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए इन-स्पेस बोर्ड द्वारा नई सीड फंड योजना को मंजूरी दी गई है।
मंत्री ने कहा: एनजीई में विदेशी निवेश की सुविधा के लिए अंतरिक्ष क्षेत्र में एक संशोधित एफडीआई नीति और एक राष्ट्रीय अंतरिक्ष नीति सरकार की अंतिम स्वीकृति की प्रक्रिया में है। देश में अंतरिक्ष तकनीक आधारित उद्योग में किए गए कुल आयात और निर्यात के विवरण के सवाल पर, उन्होंने कहा कि वित्तीय वर्ष 2021-22 के दौरान, विभिन्न परियोजनाओं/कार्यक्रमों को क्रियान्वित करने के लिए लगभग 2,114 करोड़ रुपये की वस्तुओं का आयात किया गया था।
प्रमुख आयातित वस्तुओं में ईईई घटक, उच्च शक्ति वाले कार्बन-फाइबर, अंतरिक्ष-योग्य सौर सेल, डिटेक्टर, ऑप्टिक्स, पावर एम्पलीफायर आदि शामिल हैं। वित्तीय वर्ष 2021-22 के दौरान लॉन्च सेवाओं, डेटा बिक्री और इन-ऑर्बिट सपोर्ट सेवाओं और लॉन्च के बाद के संचालन के निर्यात के लिए 174.90 करोड़ रुपये की राशि उत्पन्न हुई थी।
बयान में कहा गया है कि 2 अक्टूबर, 2021 की गजट अधिसूचना के अनुसार, इन-स्पेस को भारत में अंतरिक्ष क्षेत्र में एनजीई को बढ़ावा देने, सक्षम करने, अधिकृत करने और पर्यवेक्षण करने के लिए अनिवार्य किया गया है। इन-स्पेस ने भारतीय अंतरिक्ष कंपनियों को निजी कंपनियों/स्टार्ट-अप्स के लिए इसरो सुविधाओं के उपयोग, इसरो परिसरों के भीतर सुविधाओं की स्थापना, उपग्रहों और लॉन्च वाहनों के लॉन्च और मेंटरशिप सपोर्ट के लिए अधिकृत करना शुरू कर दिया है।
अंतरिक्ष क्षेत्र में सुधारों की घोषणा के साथ ही निजी कंपनियों ने अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था में योगदान देना शुरू कर दिया है और उनकी हिस्सेदारी बढ़ रही है।
--आईएएनएस
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