नई दिल्ली | रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पड़ोसी देश पाकिस्तान पर करारा हमला बोला। नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने महज 10 मिनट में यह निर्णय ले लिया था कि हम पाकिस्तान पर सर्जिकल स्ट्राइक करने जा रहे हैं। मौका था जम्मू विश्व विद्यालय में सिक्योरिटी कॉन्क्लेव में भाषण का। इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत अब पहले जैसा भारत नहीं रहा. भारत अब ताकतवर बनता जा रहा है. जरूरत पड़ी तो भारत सीमा के इस पार भी मार सकता है और उस पार भी जा सकता है.
राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत की संसद में पीओके को लेकर सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित है. वो भारत का ही हिस्सा था, है और आगे भी हम मानके चलते हैं कि रहेगा. इस मंशा को लेकर एक नहीं बल्कि तीन प्रस्ताव संसद में पारित हैं. अब आप देख रहे हैं कि पीओके में क्या हो रहा है. मुझे लगता है कि ज्यादा हमें कुछ करने की जरूरत नहीं पड़ेगी. पीओके की तरफ से यह डिमांड उठ रही है कि उन्हें भारत का हिस्सा बनना है.
राजनाथ सिंह ने कहा, ‘पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हमारी सरकार ने आतंकवाद के खिलाफ मजबूत कार्रवाई की है. पहली बार ना सिर्फ भारत बल्कि दुनिया को भी यह पता चला कि आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस का मतलब क्या है. पीएम मोदी ने महज 10 मिनट में ही सर्जिकल स्ट्राइक का निर्णय ले लिया था.’
रक्षा मंत्री ने कहा, ‘पुलवाना और उरी दोनों ही दुर्भागयपूर्ण घटनाएं हैं. पीएम ने महज 10 मिनट में ही सर्जिकल स्ट्राइक का निर्णय लिया जो यह दिखाता है कि उनकी इच्छा शक्ति कितनी मजबूत है. हमारी सेना ने ना सिर्फ बार्डर के इस पार आतंक का खात्मा किया बल्कि उस पार जाकर भी उन्हें खत्म किया.
पाकिस्तान का नाम लिए बिना राजनाथ सिंह ने कहा कि जो देश आतंकवाद को स्टेट पॉलिसी की तरह इस्तेमाल करते हैं उन्हें यह समझना होगा कि इस तरह की गेम लंबे वक्त तक नहीं चल सकती. उन्होंने कहा कि आज के वक्त में अधिकांश बड़े देश आतंकवाद के खिलाफ एकजुट हैं. भारत और अमेरिका के बीच ज्वाइंट स्टेटमेंट से भी यह पता चलता है कि भारत ने कैसे दुनिया का ध्यान आतंकवाद जैसे गंभीर मुद्दे की तरफ बदला है.
राजनाथ सिंह ने कहा, ‘ज्वाइंट स्टेटमेंट में साफ तौर पर यह कहा गया है कि संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित किए गए आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैय्यबा, जैश-ए-मोहम्मद, हिजबुल-मुजाहिद्दीन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए. ज्वाइंट स्टेटमेंट में यह भी कहा गया कि पाकिस्तान को अपनी भूमि से आतंकवाद की हर एक्टिविटी को बंद करना होगा. उन्हें अपनी धरती का इस्तेमाल आतंकवाद के लिए इस्तेमाल होने से रोकना होगा. साथ ही पाकिस्तान को 26/11 और पठानकोट हमलों के आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई करनी होगी.