दिल्ली: भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष और कैसरगंज लोकसभा सीट से सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने दिल्ली सरकार, विरोध प्रदर्शन करने वाले पहलवानों या किसी मीडिया संस्थान के खिलाफ दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका दर्ज नहीं की है। बृजभूषण ने सोमवार को ट्वीट करके इसकी जानकारी दी।
बृजभूषण ने ट्वीट किया कि मेरे या मुझसे सम्बद्ध किसी अधिकृत व्यक्ति द्वारा दिल्ली सरकार, धरना देने वाले पहलवानों और न्यूज चैनलों के विरुद्ध कोई याचिका प्रस्तुत नहीं की गई है। मैंने किसी अधिवक्ता, लॉ एजेंसी या प्रतिनिधि को किसी न्यायालय में याचिका प्रस्तुत करने की अनुमति या अधिकार प्रदान नहीं किया है।
उल्लेखनीय है कि विश्व चैंपियनशिप मेडलिस्ट विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया सहित कई सम्मानित पहलवानों ने बृजभूषण पर यौन शोषण जैसे गंभीर आरोप लगाये थे। कई मीडिया घरानों ने यह समाचार प्रकाशित किया कि बृजभूषण ने पहलवानों पर मानसिक उत्पीडऩ और मानहानि का आरोप लगाते हुए दिल्ली उच्च न्यायलय का रुख किया है।
बृजभूषण ने अदालत जाने की अफवाहों पर पूर्ण विराम लगाते हुए कहा कि मीडिया के सभी माध्यमों से आग्रह है कि कोई भी अपुष्ट और अप्रामाणिक खबर प्रसारित न करें। वर्तमान समय में विषय की संवेदनशीलता और गंभीरता को देखते हुए सभी से अनुरोध है कि किसी अफवाह या भ्रामक तथ्य को बढ़ावा देकर अव्यवस्था न बढ़ायें।
भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) ने इन आरोपों की जांच के लिये सात सदस्यीय समिति का गठन किया है। यह समिति चार सप्ताह के अंदर अपनी रिपोर्ट आईओए के पास जमा करायेगी। इस सिलसिले में खेल मंत्रालय ने डब्ल्यूएफआई की निगरानी के लिये एक निगरानी समिति के गठन की घोषणा की है। इस समिति के गठन तक कुश्ती महासंघ का कामकाज निलंबित कर दिया गया है।