हाईकोर्ट: दिल्ली हिंसा से जुड़ी PIL खारिज, हस्तक्षेप वाली याचिका नहीं सुनेंगे
पूर्वोत्तर दिल्ली में हुई हिंसा को दो साल पूरे हो गए हैं। इस बीच गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका (पीआईएल) डाली गई थी। जिसमें वर्तमान में जारी जांच की स्थिरता को चुनौती दी गई, लेकिन हाईकोर्ट ने उस पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया। मामले में जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल और जस्टिस अनूप जयराम भंभानी की खंडपीठ ने गुरुवार को कहा कि ये आवेदन पूरी तरह से अनावश्यक है और हम हस्तक्षेप वाली याचिका को सुनने के लिए सहमत नहीं हैं। इसके साथ ही कोर्ट ने 28 फरवरी तक के लिए सुनवाई को स्थगित कर दिया। इससे पहले याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कॉलिन गांसोल्विस ने कहा कि वो कुछ नेताओं को पक्षकार बनाने के लिए सहमत हैं, जिनके खिलाफ उनकी याचिकाएं कार्रवाई की मांग कर रही हैं।
आपको बता दें कि पीठ वर्तमान में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में 2020 की हिंसा और राजनीतिक नेताओं द्वारा कथित नफरत भरे भाषणों से जुड़ी याचिकाओं के एक बैच की जांच कर रही है। साथ ही ये पता लगाने की कोशिश कर रही कि हिंसा में इन भाषणों का क्या रोल था।