गुरुग्राम: हरियाणा में भी हो रही हैं योगी की जमकर तारीफ, दबकर काम नही करते योगी

Update: 2022-03-10 14:14 GMT

गुरुग्राम: राजनीति के इतिहास में संभवत पहली बार ऐसा हुआ है कि चुनाव पांच राज्यों में हुए हैं, लेकिन अधिकतर लोगों की नजर एक राज्य के ऊपर ही टिकी थी। सभी यह जानने को उत्सुक थे कि काम के आधार पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दोबारा सत्ता में आएंगे या फिर परंपरागत रूप से पांच साल बाद किसी दूसरी पार्टी के पाले में सत्ता चली जाएगी। चूंकि पिछले 40 सालों के दौरान उत्तर प्रदेश में कोई भी सरकार दोबारा सत्ता में नहीं आई। परिणाम सामने आते ही हर किसी के मुख से यही निकला काम करने वालों को जनता दोबारा नहीं बल्कि बार-बार मौका देगी। अब केवल भाषणों से काम नहीं चलेगा काम भी करके दिखाना होगा। केंद्र सरकार की नीतियों को योगी आदित्यनाथ ने जमीन पर उतारने का काम किया। दबकर नहीं बल्कि खुले रूप से पांच साल शासन किया। जबसे उत्तर प्रदेश सहित पांच राज्यों में चुनाव की घोषणा हुई है तभी से अधिकतर लोगों की नजर उत्तर प्रदेश के ऊपर थी। बृहस्पतिवार को मतगणना पांचों राज्यों में एक साथ थी लेकिन नजर उत्तर प्रदेश के ऊपर ही थी। घर हो, दुकान हो या कारपोरेट कार्यालय हो, हर जगह केवल उत्तर प्रदेश की ही चर्चा चलती रही। काफी कामकाजी लोग चुनाव परिणाम देखने के लिए घर पर ही रहे।

राजनीतिक जानकारों का मानना है कि उत्तर प्रदेश का चुनाव परिणाम देश की राजनीति की दिशा बदल देगी। सभी पार्टियों को ही नहीं बल्कि सभी मुख्यमंत्रियों को यह संदेश गया है कि यदि वे काम करेंगे तो जनता सम्मान देगी। अब जनता को केवल भाषण पसंद नहीं है, काम पसंद है। योगी आदित्यनाथ ने केंद्र सरकार के साथ बेहतर तालमेल रखते हुए उत्तर प्रदेश में विकास कार्य कराए। वह अपने भाषणों में विपक्ष पर कटाक्ष करने की बजाय काम की चर्चा करते थे। चुनाव प्रचार के दौरान जब वह कहते थे कि गलत करने वालों के ऊपर बुलडोजर चलेगा तो उसमें उनका अहंकार नहीं बल्कि उनके काम करने का अंदाज दिखता था। चुनाव पांच राज्यों में थे लेकिन उत्तर प्रदेश के ऊपर अधिक नजर होेने की मुख्य वजह यह है कि वहां के राजनीतिक मिजाज से देश की दिशा बदलती है। चुनाव परिणाम से साफ है कि देश की राजनीति के केंद्र से भाजपा को निकालना संभव नहीं। कांग्रेस पूरी तरह हाशिये पर चली गई है। ऐसे में भाजपा का फिलहाल देश में कोई विकल्प नहीं दिख रहा है। योगी आदित्यनाथ की जीत कर्मयोगी मुख्यमंत्री की जीत है। यह सभी मुख्यमंत्रियों के लिए बहुत बड़ा संदेश है। रेश्म सिंह, वरिष्ठ अधिवक्ता सुप्रीम कोर्ट और सेवानिवृत्त अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक

अब देश की राजनीति का मिजाज धीरे-धीरे बदल रहा है। अब नेताओं के भाषण पर लोग नहीं बल्कि उनके काम के आधार पर मतदान करने लगे हैं। जाति और धर्म के दायरे से ऊपर उठकर मतदान करने लगे हैं। यह लोकतंत्र की मजबूती के लिए बहुत ही सुखद संकेत है। उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ का दाेबारा सत्ता में आना यह दर्शाता है कि यदि आप काम करेेंगे तो जीत तय है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने बेहतर किया। इस परिणाम से उम्मीद है कि मुख्यमंत्रियों के बीच काम करने की होड़ लगेगी। मदन जिंदल, पूर्व अध्यक्ष स्वदेशी जागरण मंच, दिल्ली

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