ग्रेटर नॉएडा: गुर्जरों की राजधानी कहे जाने वाले ग्रेटर नोएडा में हर वर्ष की भाँति इस वर्ष भी आज “अंतरराष्ट्रीय गुर्जर दिवस” का आयोजन हर्षोल्लास के साथ किया गया। आज पूरे देश के गुर्जरों द्वारा देशभर में 14 से अधिक स्थानों पर “अंतरराष्ट्रीय गुर्जर दिवस” का आयोजन किया गया।
गुर्जर परिवार जो पिछले एक दशक से अधिक समय से हर वर्ष 22 मार्च को अंतरराष्ट्रीय गुर्जर दिवस के अवसर पर शिक्षा, उद्यमिता, रोजगार, खेल, संस्कृति, महिला सशक्तिकरण, देशभक्ति, राजनीतिक नेतृत्व से जुड़ें महत्वपूर्ण विषयों पर कार्यक्रम का आयोजन करता आया है। इस बार का मुख्य कार्यक्रम ग्रेटर नोएडा के बीटा 2 में योगा सेंटर में एक संगोष्ठी के रूप में आयोजित किया गया, जिसका विषय “गुर्जर समाज में राजनीतिक परिपक्वता” रखा गया। क्षेत्र व कई प्रदेशों के राजनेताओं, युवाओं व बुद्धिजीवियों नें इस परिचर्चा में भाग लिया। कार्यक्रम में कई पैनल डिस्कसन सेशन हुए व कई राजनीतिक लोगों ने पार्टी लाईन से हटकर गुर्जर समाज की राजनीतिक चेतना पर अपने बेबाक़ विचार रखें। सांसद मलूक नागर ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपने विचार रखे।
गुर्जर समाज के लगभग 200~250 बुद्धिजीवियों ने इसमें सक्रिय परिचर्चा करके कुछ मुख्य बिंदुओं पर अपनी सहमति दी व इन पर बड़े स्तर पर कार्यक्रम व आयोजन करने की सहमति बनी। 5 सूत्रीय मुख्य बिंदू ये रहें:-
1. संघर्ष से राजनीति में भगीदारी के प्रयास किये जाएंगे, गुर्जरों को पैसे के दम पर चुनाव का टिकट खरीदने की जगह टिकट बांटने वाले बनना होगा।
2. गुर्जर समाज के युवाओं को निःस्वार्थ भाव से राजनीति में आगे आना होगा व समांतर पिछड़े व शोषित वर्ग को साथ लेना होगा।
3. गुर्जर समाज में एक GPS टीम (गुर्जर पोलिटिकल स्ट्रेंग्थ) का गठन होगा, जो गुर्जर समाज के उत्थान के लिये सक्रिय लोगों को चुनावों के समय समाज की ओर से आगे बढ़ाएगी व उनका चुनाव में प्रचार भी करेगी।
4. गुर्जर समाज के मुद्दों पर समाज के राजनेताओं को एकजुट करने के प्रयास किये जाएंगे व उनकी जिम्मेदारी तय की जाएगी।
5. चुनाव के समय के साथ ही मुश्किल परिस्थितियों में भी गुर्जर समाज समर्पित नेताओ का सपोर्ट किया जाए व गुर्जर समाज का विरोध करने वाले किसी भी नेता या दल के विरुद्ध समाज एकजुट होकर प्रचार व वोट करें फिर चाहे सत्ताधारी दल हो या विपक्ष।
कार्यक्रम के ये रहे मुख्य वक्ता:
मुख्य वक्ताओं में अजीत दौला, देवेंद्र बैसला, सुशील भाटी, सतेंद्र नागर आर्यबन्धु, देवेंद्र खारी, अमर चौधरी, डा. रीना वर्मा, संकेत चंदीला, प्रदीप वर्मा, विकास विधूड़ी, सुनील नागर, पोंडमैन रामवीर तंवर, प्रवीण भारतीय, डा. शशि नागर, दीपक भाटी, आलोक नागर आदि बुद्धिजीवियों ने गुर्जर युवाओं से आह्वान किया कि वो जमीन पर वैचारिक संघर्ष करके व सोशल मीडिया के माध्यम से गुर्जर समाज में राजनीतिक एकता व चेतना का संचार बनाएं रखें व समाज के लिए समर्पित रहने का संकल्प लें।
आयोजन में इनकी रही भागदारी:
कार्यक्रम आयोजन में खविंद्र चौहान, देवेंद्र खारी, सुनील नागर, सतेंद्र आर्यबन्धु, डा. दिनेश भाटी, डा. विजय गुर्जर, मंगल कसाना, चमन शास्त्री, जितेंद्र नागर, महेंद्र कसाना, राजीव विकल , सतेंद्र विधूड़ी व गुर्ज़र परिवार की समस्त टीम ने महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाईं।