जीएसटी काउंसिल की मीटिंग संपन्न, नहीं बढ़े किसी भी चीज के दाम

Update: 2022-12-17 18:51 GMT
दिल्ली। केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने आज शनिवार को दिल्ली में वर्चुअल माध्यम से जीएसटी परिषद की 48वीं बैठक (GST Council 48th Meeting) की अध्यक्षता की है. वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि इस बैठक में एजेंडे के 15 में से 8 बिंदुओं पर फैसला हुआ है. इसमें जीओएम (GOM) के 2 मुद्दे थे, जिन पर चर्चा करने की आवश्यकता थी, लेकिन उन पर विचार नहीं किया जा सका है. ये तंबाकू और गुटखा पर क्षमता-आधारित कराधान और जीएसटी ट्राईब्यूनल (GST Tribunal) की स्थापना से संबंधित है.
अभियोजन की राशि सीमा 2 करोड़
वहीं संजय मल्होत्रा, राजस्व सचिव ने कहा कि जीएसटी परिषद् की बैठक के दौरान जो फैसले लिए उनमें किसी भी अधिकारी को अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने से रोकने सहित कुछ मामलों का गैरअपराधीकरण करना और जीएसटी कानूनों के तहत किसी भी मामले में अभियोजन शुरू करने की राशि सीमा 1 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 2 करोड़ रुपये कर (नकली चालान को छोड़कर) दिया गया हैं.
दालों की भूसी पर टैक्स हुआ शून्य
राजस्व सचिव ने जीएसटी परिषद की बैठक के बाद कहा कि दालों की भूसी पर कर की दर 5 प्रतिशत से घटाकर शून्य कर दी है. इस बैठक में रिफाइनरियों के लिए पेट्रोल के साथ इथेनॉल मिश्रण की अनुमति 5 प्रतिशत की रियायती दर पर दी है. जीएसटी परिषद की बैठक में जीएसटी कानून के तहत अपराधों को गैर-अपराधीकरण, अपीलीय न्यायाधिकरणों की स्थापना पर चर्चा की गई है.
वित्त मंत्रालय ने ट्वीट कर दी जानकारी
इस बैठक के पहले उम्मीद जताई जा रही थी कि, बैठक के दौरान कुछ वस्तुओं और सेवाओं में दर पर स्पष्टता दी जाएगी. वित्त मंत्रालय ने ट्वीट किया कि, "केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती @nsitharaman ने आज नई दिल्ली में वर्चुअल माध्यम से जीएसटी परिषद की 48वीं बैठक की अध्यक्षता की है."
मौद्रिक सीमा बढ़ाने का दिया सुझाव
जीएसटी कानूनों के तहत अपराधों के गैर-अपराधीकरण के संबंध में जीएसटी परिषद की कानून समिति, जिसमें केंद्र और राज्यों के कर अधिकारी शामिल हैं, परिषद को जीएसटी अपराधों के लिए अभियोजन शुरू करने के लिए मौद्रिक सीमा बढ़ाने का सुझाव दिया था. कानून समिति ने सुझाव दिया था कि जीएसटी अपराधों के कंपाउंडिंग के लिए करदाता की ओर से देय शुल्क को कर राशि के 25 प्रतिशत तक कम कर दिया जाना चाहिए. यह वर्तमान में 150 प्रतिशत तक है. समिति ने यह बात व्यापार करने में आसानी में सुधार (Ease of doing business) की दृष्टि से कही है.
तंबाकू और गुटखा के मुद्दे पर नहीं हुई चर्चा
पान मसाला और गुटखा कंपनियों की ओर से कर चोरी पर जीओएम की रिपोर्ट पर परिषद की बैठक में चर्चा होनी थी. माल और सेवा कर अपीलीय न्यायाधिकरण (GSTATs) की स्थापना के संबंध में GoM ने सुझाव दिया है कि न्यायाधिकरणों में दो न्यायिक सदस्य और केंद्र और राज्यों के एक-एक तकनीकी सदस्य के अलावा अध्यक्ष के रूप में एक सेवानिवृत्त सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश को शामिल किया जाना चाहिए.
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