ग्रेटर नोएडा अथाॅरिटी ने धारा-10 के तहत नोटिस जारी किया, जानिए पूरा मामला
एनसीआर नॉएडा: ग्रेटर नोएडा वेस्ट एरिया के 82 गांवों में कितने किसानों की जमीन पर अतिक्रमण बताकर ग्रेटर नोएडा अथाॅरिटी ने धारा-10 के तहत नोटिस जारी किए हैं, यह सवाल अथॉरिटी अफसरों के लिए 'जी का जंजाल' बन गया है। 'सूचना अधिकार अधिनियम' के तहत पतवाड़ी गांव के किसान टीकम सिंह ने ग्रेटर नोएडा अथाॅरिटी से यह जानकारी मांगी है। टीकम सिंह में चार बिन्दूओं पर जरूरी जानकारी मांगी हैं। टीकम सिंह के सवालों का जवाब देने में अथाॅरिटी अधिकारियों के पसीने छूट रहे हैं।
आरटीआई पर 27 जनवरी को होगी सुनवाई: टीकम सिंह का कहना है कि अथाॅरिटी के अधिकारी जवाब देने में आनाकानी कर रहे हैं। कई बार तारीख पर तारीख लगा रहे हैं। अब 27 जनवरी की तारीख अपीलीय अधिकारी ने तय की है। टीकम सिंह का कहना है, "मेरा पहला प्रश्न है कि उत्तर प्रदेश औद्योगिक विकास अधिनियम-1976 की धारा-10 के तहत कितने नोटिस जारी किए गए हैं। दूसरा सवाल है कि धारा-10 के तहत नोटिस जारी किए गए, उनमें से कितने नोटिस का जवाब आया है। किसानों को धारा-10 के नोटिस भेजने के बाद कितने किसानों पर एफआईआर दर्ज कराई गई हैं। एफआईआर दर्ज कराने के लिए थानों में कितनी एप्लीकेशन दी गई हैं। धारा-10 के नोटिस के बाद कितने नोटिस का निस्तारण किया गया है। निस्तारण आदेश की कॉपी मांगी हैं।"
इन 82 गांवों से जुड़ी सूचनाएं मांगी: टीकम सिंह ने बताया कि उन्होंने जिन 82 गांवों में धारा-10 के तहत अब तक की गई कार्रवाई के बारे में जानकारी मांगी है, उसमें अच्छेजा, छपरौला, चिपियाना बुर्जुग, हैबतपुर, खेड़ा चैगानपुर, मिलक लच्छी, रोजा याकुबपुर, रोजा जलालपुर, शाहबेरी, चक शाहबेरी, आमका, भनौता, भोला रावल, सैनी, सूनपुरा, श्यौराजपुर, धूम मानिकपुर, जोन समाना, कैलाशपुर, खेडी, खोदना कला, रूपवास, सादुल्लापुर, छोटी मिलक, गुलिस्तानपुर, हबीबपुर, हल्दौनी, इटैडा, जलपुरा, खेडा चैगानपुर, खैरपुर गुर्जर, कुलेसरा,आजमपुर, बोडाकी चमरावली, डाबरा, मायचा, बिरौंडी, बिरौंडा, हजरतपुर, जैतपुर-वैशपुर, साकीपुर, रसूलपुर राय, अमीनाबाद उर्फ नियाना, मकोडा, मथुरापुर, पल्ला, पाली, रायपुर बांगर, बिलासपुर, रामपुर-फतेहपुर, घंघौला, डाढा, खानपुर, कनारसी, घरबरा, गिरधरपुर, हतेवा, इमलियका, नवादा, पंचायतन, सलेमपुर, सिरसा, तालडा, कुलीपुरा, पोवारी, क्यामपुर, कासना, नवादा, राजपुर और नटों की मडैया समेत 82 गांवों के बारे में पूरी जानकारी मांगी है। इस जानकारी देने में ग्रेटर नोएडा अथाॅरिटी के अधिकारियों के हाथ-पैर फूले हुए हैं। अधिकारियों को जवाब देते नहीं बन रहा है।