नई दिल्ली, (आईएएनएस)| रेलवे की संपत्ति का मुद्रीकरण 2023-24 के आगामी केंद्रीय बजट में प्रमुख एजेंडे में से एक होने की संभावना है। बजट वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को पेश करने जा रही हैं। वित्तवर्ष 2021-22 में रेल मंत्रालय ने 17,000 करोड़ रुपये की रेलवे संपत्ति के मुद्रीकरण का लक्ष्य रखा था, हालांकि निजी क्षेत्र से खराब प्रतिक्रिया के कारण लक्ष्य हासिल नहीं किया जा सका।
घटनाक्रम से वाकिफ सूत्रों ने बताया कि चालू वित्तवर्ष में भी रेलवे की 57,000 करोड़ रुपये की संपत्ति के मुद्रीकरण का लक्ष्य आधा रह जाने की संभावना है, क्योंकि विभाग अब तक इसे पूरा नहीं कर पाया है।
सूत्रों ने कहा कि इसे घटाकर लगभग 25,000 करोड़ रुपये किए जाने की संभावना है, क्योंकि रेल मंत्रालय चालू वित्तवर्ष के दौरान अपनी संपत्ति का मुद्रीकरण नहीं कर पाया है और 2022-23 के समाप्त होने में केवल तीन महीने बचे हैं।
सूत्रों ने कहा कि रेलवे की संपत्ति में निवेशकों द्वारा दिखाए गए उत्साह की कमी के बावजूद सरकार उन्हें आगे बढ़ाने के लिए उत्साहित है और आगामी केंद्रीय बजट में रेलवे संपत्तियों के मुद्रीकरण के लिए एक लक्ष्य निर्धारित करने की संभावना है।
परिसंपत्ति मुद्रीकरण के तहत, सरकार राजस्व हिस्सेदारी और संपत्ति में निवेश की प्रतिबद्धता के बदले में एक निर्दिष्ट लेनदेन अवधि के लिए निजी पार्टियों को राजस्व अधिकार हस्तांतरित करती है।
पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) - ऑपरेट मेंटेनेंस ट्रांसफर (ओएमटी), टोल ऑपरेट ट्रांसफर (टीओटी) और ऑपरेशंस, मेंटेनेंस एंड डेवलपमेंट (ओएमडी) जैसे मॉडल के जरिए संपत्तियों का मुद्रीकरण किया जाता है।
विमुद्रीकरण के तहत सरकार संपत्तियों को नहीं बेचती है, लेकिन एक निजी संस्था द्वारा पुनर्विकास और संचालन के लिए एक निश्चित अवधि के लिए उन्हें पट्टे पर देती है, जबकि उनके स्वामित्व को बनाए रखना जारी रखती है।
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