स्वदेशी मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम तैयार करवाएगी सरकार, Google एंड्रॉयड और एपल IOS को मिलेगी चुनौती

केंद्र सरकार गूगल के एंड्रॉयड और एपल के आईओएस जैसा ही एक स्वदेशी ऑपरेटिंग सिस्टम तैयार करवाने पर विचार कर रही है।

Update: 2022-01-24 18:33 GMT

केंद्र सरकार गूगल के एंड्रॉयड और एपल के आईओएस जैसा ही एक स्वदेशी ऑपरेटिंग सिस्टम तैयार करवाने पर विचार कर रही है। इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि इसके लिए सरकार नई नीतियां भी बना रही है, जिससे देश में ही एक ऑपरेटिंग सिस्टम बनाने में मदद की जाएगी।

गौरतलब है कि इस वक्त मोबाइल फोन की दुनिया में दो ही ऑपरेटिंग सिस्टम का बोलबाला है। पहला गूगल का एंड्रायड और दूसरा एपल का आईओएस। मंत्री ने बताया कि यही कंपनियां हार्डवेयर इकोसिस्टम को भी प्रभावित कर रही हैं। इसलिए सरकार अपनी नई योजना के जरिए गूगल और एपल के ऑपरेटिंग सिस्टम पर निर्भरता कम कर लोगों को एक वैकल्पिक प्लेटफॉर्म देना चाहती है।
चंद्रशेखर ने कहा, "अभी कोई भी तीसरा ऑपरेटिंग सिस्टम नहीं है। ऐसे में केंद्र सरकार के पास यह सुनहरा मौका है कि हम एक हैंडसेट ऑपरेटिंग सिस्टम तैयार करवाने में मदद करें। हम लोगों से बात कर रहे हैं। हम इसके लिए नीति भी बना सकते हैं।" उन्होंने कहा, "सरकार स्टार्टअप और एकेडमिक इकोसिस्टम में ही स्वदेशी ऑपरेटिंग सिस्टम के विकसित करने की क्षमताओं को ढूंढ रही है।" गौरतलब है कि किसी भी कंप्यूटर या मोबाइल में एक ऑपरेटिंग सिस्टम उसका आधारभूत सॉफ्टवेयर होता है। इसी आधारभूत सॉफ्टयवेयर पर बाकी प्रोग्राम और सॉफ्टवेयर की नींव रखी जाती है।
उन्होंने संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव के साथ उद्योग निकाय आईसीईए (इंडिया सेल्युलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन) द्वारा तैयार इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण पर दृष्टिकोण पत्र का दूसरा हिस्सा भी जारी किया। संगठन के सदस्यों में एपल, लावा, फॉक्सकॉन, डिक्सन आदि शामिल हैं। दस्तावेज में देश में इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण को 75 अरब डॉलर के मौजूदा स्तर से 2026 तक 300 अरब डॉलर के स्तर पर पहुंचाने को लेकर रूपरेखा पेश की गई है। चंद्रशेखर ने कहा, ''यह रिपोर्ट बहुत सटीक है जो बताती है कि 300 अरब डॉलर कहां से आएंगे, उद्योग को क्या करना है और सरकार को क्या करना है। यह एक उदाहरण है कि कैसे उद्योग और सरकार को देश के लिए लक्ष्य निर्धारित करना चाहिए। उत्पादन 300 अरब डॉलर और निर्यात 120 अरब डॉलर का होगा। यह अब सरकार का उद्देश्य है।'' बता दें कि मौजूदा समय में देश का इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात लगभग 15 अरब डॉलर का है।


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