Goa Election: गोवा में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने तैयारियों को लेकर दिए ये संकेत
भारतीय जनता पार्टी ने गोवा विधानसभा चुनाव में अकेले दम पर उतरने की तैयारी कर ली है।
नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी ने गोवा विधानसभा चुनाव में अकेले दम पर उतरने की तैयारी कर ली है। विधानसभा चुनाव तैयारियों पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सदानंद तनावड़े ने साफ किया कि पार्टी की तैयारी पूरी और पुख्ता है। पार्टी अकेले चुनाव लड़ेगी। इसके लिए सभी स्तर पर तैयारी की गई है।
सदानंद तनावड़े ने कहा कि ये बस लोगों में परसेप्शन था कि बीजेपी को एमजीपी से गठबंधन करना चाहिए, इसलिए हमने यह बोला था। हालांकि, ये अच्छा हो गया कि एमजीपी ने गठबंधन करने से पहले ही इसे तोड़ दिया। इस पर हमें कोई प्रॉब्लम नहीं है। एमजीपी ने गोवा में टीएमसी से गठबंधन कर लिया है। बीजेपी नेता ने कहा कि गोवा की 40 सीटों में से 29 में से कभी न कभी बीजेपी का उम्मीदवार जीतकर आया है।
हर मंडल में हमारा संगठन
गोवा के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा का सभी मंडलों में सांगठनिक स्ट्रक्चर है। हर सीट पर हमारे उम्मीदवार हैं। उन्होंने दावा किया कि गोवा में बाकी ऐसी कोई पार्टी नहीं है, जो सभी 40 सीटों पर अकेले लड़ सकती है। केवल भाजपा की ऐसी सांगठनिक ताकत है।
कांग्रेस नेता के आने से होगा फायदा
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस विधायक रवि नाइक के बीजेपी में आने से पार्टी को फायदा होगा। रवि नाइक ने कांग्रेस छोड़कर भाजपा की सदस्यता ली है। उन्होंने महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी (एमजीपी) से अपने राजनीतिक करियर की शुरूआत की और बाद में कांग्रेस में शामिल हो गए। अब वह बीजेपी के साथ आ गए हैं। इससे पहले कांग्रेस के एक और विधायक ने कांग्रेस छोड़कर टीएमसी ज्वाइन की थी।
प्रदेश में कांग्रेस विधायकों की संख्या अब तीन रह गई है। सूत्रों के मुताबिक इनमें से एक विधायक बीजेपी के संपर्क में हैं और जल्द वह भी पाला बदल सकते हैं। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि गोवा में हिंदू समाज में भंडारी समाज के लोगों की संख्या सबसे ज्यादा है। नाइक उनके बहुत बड़े नेता है। इससे पूरे गोवा में फायदा होगा।
टीएमसी एजीपी गठबंधन पर बोला हमला
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एमजीपी की तृणमूल कांग्रेस के साथ गठबंधन होने पर भी करारा हमला बोला। उन्होंने कहा कि इस गठबंधन का उन्हें कुछ फायदा नहीं होगा। गोवा के लोगों को उन पर विश्वास नहीं है। लोगों को मालूम है कि एमजीपी ने ये गठबंधन इसलिए किया है, क्योंकि उन्हें लगता है कि टीएमसी के साथ जाने में उन्हें चुनाव के लिए पैसा मिलेगा।