Ghaziabad: साइबर ठगो ने शेयर ट्रेडिंग के नाम पर सीए से की ठगी
साइबर थाने में मुकदमा दर्ज
गाजियाबाद: साइबर अपराधियों के झांसे में शिक्षित लोग भी फंस रहे हैं। शालीमार गार्डन एक्टेंशन साहिबाबाद निवासी पंकज शर्मा चार्टर्ड अकाउंटेंट हैं और साइबर अपराधियों के झांसे में आकर अब तक की जमा पूंजी 77.30 लाख रुपये के साथ-साथ बैंक से लोन लेकर शेयर ट्रेडिंग में होने वाले मुनाफे के लालच में गवा दिए। उन्होंने साइबर थाने में मुकदमा दर्ज कराया है।
सीए पंकज शर्मा ने बताया कि 17 सितंबर को उन्हें एक कॉल आई और स्टॉक ट्रेडिंग की बाबत जानकारी देकर मोटा मुनाफा होने की बात कही। मोबाइल पर लिंक भेजकर स्टॉक वेल्थ पाथ 7048 ग्रुप से जोड़ा गया। एडमिन सुरेंद्र कुमार दुबे ने स्टॉक ट्रेडिंग के बारे में जानकारी दी और प्रति सप्ताह 30 प्रतिशत लाभ होने का आश्वासन दिया। शेयर में ट्रेडिंग कराकर डी-मैट अकाउंट खोलने के लिए लिंक भेजा गया। लिंक पर पैन और बैंक संबंधी विवरण डालकर फार्म भर दिया गया।
तीन अक्तूबर से स्टॉक ट्रेडिंग शुरू कराई गई और रोजाना 10 से 15 प्रतिशत का मुनाफा डी-मैट अकाउंट पर आने लगा। ग्रुप के सदस्यों ने डी-मैट एकाउंट में दशार्यी जाने वाले धनराशि की बधाई भी दी। ऐसे में उन्होंने बढ़चढ़कर हिस्सा लिया और लाखों रुपये के शेयर स्टॉक कर लिए। जब सीए पंकज शर्मा ने डी-मैट एकाउंट से धनराशि निकालने का प्रयास किया तो सफलता नहीं मिली। बातचीत में साइबर ठगों ने ऊषा फाइनेंशियल के आईपीओ अलॉट कर दिए। बताया कि डी-मैट एकाउंट में जितनी धनराशि थी उससे भी अधिक आईपीओ अलॉट कर दिए गए। उनके भुगतान में असमर्थता जताने पर 50 प्रतिशत धनराशि जमा करो और बाकी डी-मैट वाले भुगतान को पूरा करने आईपीओ पूर्ण होने का आश्वासन दिया गया।
पीड़ित ने 12.50 लाख रुपये डी-मैट एकाउंट में जमा किए। इसके बाद भी धनराशि नहीं निकली और साइबर ठगों ने डी-मैट अकाउंट बंद करने की बात कही, साथ ही मैनेजमेंट से वार्ता जारी होने की बात कही गई। इसके बाद छह नवंबर को डी-मैट में जमा धनराशि का तीन प्रतिशत जमा करने की बात कही गई। जमा करने पर आठ दिसंबर को ग्रुप डिलीट कर दिया गया।
धनराशि निकालने के लिए बैंक से लिया लोन: सीए पंकज शर्मा ने बताया कि डी-मैट एकाउंट से धनराशि निकालने के लिए आईपीओ अलॉट कर दिए गए और लाखों रुपये जमा करने की बात कही गई। दर्ज मुकदमे में बताया कि बच्चों को उच्च शिक्षा दिलाने के लिए जमा पूंजी वह पहले ही स्टॉक ट्रेडिंग में खर्च कर चुके थे। पीड़ित के आवंटित आईपीओ पूर्ण करने के लिए बैंक से 12.50 लाख रुपये का लोन लेकर धनराशि जमा की गई।
साइबर ठगों ने चार्टर्ड अकाउंटेंट से शेयर ट्रेडिंग के नाम पर 77.30 लाख रुपये की ठगी की है। पीड़ित ने टीम को जानकारी दी हैं, उसके आधार पर जांच की जा रही है।
- सच्चिदानंद राय, एडीसीपी अपराध