दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) ने अपनी रिपोर्ट में प्रतिदिन 54 फीसदी कूड़ा पहुंचने की बात कही है। ऐसे में बीते वर्ष के मुकाबले लैंडफिल साइट पर पहुंचने वाले कूड़े की मात्रा में 800 टन से अधिक का इजाफा हुआ है।
राजधानी की सूरत बदरंग करने वाले कूड़े तीन पहाड़ों पर भार बढ़ रहा है। इस संबंध में दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) ने अपनी रिपोर्ट में प्रतिदिन 54 फीसदी कूड़ा पहुंचने की बात कही है। ऐसे में बीते वर्ष के मुकाबले लैंडफिल साइट पर पहुंचने वाले कूड़े की मात्रा में 800 टन से अधिक का इजाफा हुआ है।
दरअसल, मई में उपराज्यपाल ने कूड़े के पहाड़ का दौरा कर कचरे की समस्या को खत्म करने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए थे। निगम ने लोगों से अपील करते हुए मलबा व विध्वंस और निष्क्रियता का उपयोग निजी तौर पर करने के लिए पेशकश की थी। निगम का कहना था कि लोग दूसरी जगहों से इसके लिए 500 रुपये से 700 रुपये प्रति मीट्रिक टन का भुगतान करते हैं, हालांकि निगम से यह लेने के लिए उन्हें सिर्फ ट्रक का किराया देना होगा।
इसके बाद निगम को 10 हजार मीट्रिक टन से अधिक के लिए अनुरोध प्राप्त हुआ था। वहीं, डीपीसीसी की रिपोर्ट कहती है कि प्रतिदिन दिल्ली से निकलने वाला 54 फीसदी कूड़ा इन तीनों पहाड़ पर पहुंच रहा है। निगम ने मार्च 2024 तक गाजीपुर के कूड़े के पहाड़ो को खत्म करने का लक्ष्य रखा है। वहीं, भलस्वा लैंडफिल साइट के लिए यह लक्ष्य दिसंबर 2023 व ओखला लैंडफिल साइट के लिए 2023 का लक्ष्य निर्धारित है।
न्यूज़क्रेडिट:अमरउजाला