नॉएडा में गलगोटिया यूनिवर्सिटी ने भगवान परशुराम का मनाया जन्मोत्सव

Update: 2023-05-05 14:53 GMT

नॉएडा: गलगोटिया यूनिवर्सिटी के एनएसएस यूनिट-वन प्रबल ने महर्षि परशुराम का जन्मोत्सव दिवस बहुत ही हर्षोल्लास के साथ मनाया। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे नरेंद्र बहादुर सिंह ने महर्षि परशुराम के जीवन पर प्रकाश डालते हुए बताया कि परशुराम पांच चिरंजीवीयों में से एक है। शास्त्रों के कथानुसार वो आज भी अजर अमर हैं।

धर्म की स्थापना: नरेंद्र बहादुर सिंह ने बताया कि जीवन पर्यन्त धर्म की रक्षा करने के लिए 22 बार इस पृथ्वी से आतताइयों और धर्म विरोधी तत्वों को नष्ट करके धर्म की स्थापना की थी। उन्होंने अनेक प्रकार की सिद्धियां प्राप्त की हुई थी। वो अत्यंत क्रोधी होने के साथ वो एक महान तपस्वी भी थे। सीता स्वयंवर के समय जब उनका सामना राम से होता है तो उन्होंने राम को ही युद्ध के लिए चुनौती दे डाली थी। ये सब उनकी तपस्या और पराक्रम का ही परिणाम था। उन्होंने बताया कि राम ने जब उनको अपना निज अवतारी रूप का साक्षात दर्शन कराया तब वो शांत हुए और राम से क्षमा मांगते हुए तपस्या करने के लिए पुन वन को चले गए और महेंद्र पर्वत पर तपस्या में लीन हो गए थे।

“महापुरुषों के जीवन चरित्र से शिक्षा लेनी चाहिए”

गलगोटियाज विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर डा.के मल्लिकार्जुन बाबू ने विद्यार्थियों से कहा कि हमें अपने महापुरुषों के जीवन चरित्र से शिक्षा लेनी चाहिए। विश्वविद्यालय प्रो.वाइस चांसलर डा.अवधेश कुमार ने बताया कि हमारी संस्कृति दुनिया के सबसे पुरातन और महान संस्कृति है। हमें अपनी महान संस्कृति का अनुसरण करना चाहिए और अपने महापुरुषों की जीवन चरित्रों की पुस्तक को अवश्य पढ़ना चाहिए। जिससे हम चरित्रवान और नीतिवान बन सकें।

छात्र-छात्राओं को आभार किया व्यक्त

इस कार्यक्रम के पर्यवेक्षण डॉ.अरविंद कुमार जो कार्यक्रम के अधिकारी थे। उन्होंने कार्यक्रम की सफलता पर सभी अतिथियों और छात्र-छात्राओं को आभार व्यक्त किया और कहा कि हमारी ये भारत भूमि महापुरुषों और अवतारों की जननी है। हम सभी बहुत भाग्यशाली हैं कि हमारा जन्म भारत मां की कोख से हुआ है। इस कार्यक्रम को सफल बनाने में अध्यापक सुमित सिंह और अध्यापिका मिली धर का सहयोग रहा। सुन्दर कुमार, गोपाल चंद्र जन, के.हरि प्रसाथ, डॉ.पूजा और अमर सिंह भी विशेष रूप से उपस्थिति रहें।

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