दिल्ली के और विकास के लिए अच्छा अवसर है जी-20 शिखर सम्मेलन: उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया
दिल्ली: दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बुधवार को कहा कि जी-20 शिखर सम्मेलन राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के और विकास के लिए एक अच्छा अवसर प्रदान करेगा। उन्होंने कहा कि मेहमानों का स्वागत पूरे 'उत्सवी मिजाज' के साथ किया जाएगा।
भारत ने गत एक दिसंबर को जी-20 की अध्यक्षता औपचारिक रूप से हासिल की थी। जी-20 नेताओं का शिखर सम्मेलन अगले साल नयी दिल्ली में नौ-दस सितंबर को आयोजित किया जाना है जिसमें देशों/सरकारों के प्रमुख शिरकत करेंगे। दिल्ली के उपराज्यपाल वी के सक्सेना की अध्यक्षता वाली एक बैठक में सिसोदिया भी शामिल हुए।
इस बैठक का आयोजन जी-20 शिखर सम्मेलन की तैयारियों का जायजा लेने और इसकी समीक्षा के लिए आयोजित किया गया था। सिसोदिया ने संवाददाताओं से कहा, ''यह भारत के लिए बड़ी बात है कि हमें जी-20 शिखर सम्मेलन आयोजित करने का अवसर मिला है। लेकिन दिल्ली के लिए यह और भी बड़ी बात है।'' उन्होंने इस बात को रेखांकित किया कि दिल्ली सरकार पर मेहमानों की मेजबानी करने की जिम्मेदारी है।
सिसोदिया ने कहा कि वह चाहते हैं कि मेहमानों की मेजबानी समुचित तरीके से की जाए। सिसोदिया ने कहा, हमें यह सुनिश्चित करना है कि मेहमान अच्छा महसूस करें और उन्हें बेहतरीन सुविधाएं मिलें। इस बार में अच्छी चर्चा हुई और सभी विभागों ने पहले ही इस पर काम करना शुरू कर दिया है। दिल्ली की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और अनोखेपन को दर्शाने के लिहाज से जी-20 शिखर सम्मेलन को एक अच्छा अवसर करार देते हुए कहा कि इससे दिल्ली का और विकास करने में सहूलियत होगी।
उन्होंने कहा कि मुख्य बाजारों और पार्कों का सौंदर्यीकरण किया जाएगा। सिसोदिया ने कहा कि शिखर सम्मेलन में एक लाख मेहमानों के शिरकत करने की उम्मीद है और दिल्ली उनका स्वागत पूरे 'उत्सवी मिजाज' के साथ करेगी ताकि वे अपने साथ हमारे देश के बारे में अच्छी धारणा के साथ वापस जाएं।
देशभर में इस महीने की शुरुआत से जी-20 शिखर सम्मेलन की तैयारियों के मद्देनजर 200 से अधिक बैठकें आयोजित की जाएंगी। जी-20 विश्व के प्रमुख विकसित और विकासशील देशों का एक अंतरसरकारी फोरम है जिसमें अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, कोरिया गणराज्य, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्किये, ब्रिटेन, यूरोपीय संघ (ईयू) और अमेरिका शामिल हैं।