नई दिल्ली, (आईएएनएस)| फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (एफएसएल) ने आफताब अमीन पूनावाला की नार्को टेस्ट रिपोर्ट तैयार कर ली है, सूत्रों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। आफताब पर राष्ट्रीय राजधानी में अपनी लिव-इन पार्टनर श्रद्धा वाल्कर की हत्या करने और उसके शव को क्षत-विक्षत करने का आरोप है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा,नार्को टेस्ट की रिपोर्ट तैयार है और जांच अधिकारी को इसकी सूचना दे दी गई है।
इससे पहले, महरौली वन क्षेत्र से बरामद हड्डी के टुकड़े श्रद्धा के पिता के डीएनए से मिलान कर गए थे, जिससे यह साफ हो चुका था कि आफताब ने हत्या के बाद श्रद्धा के शव के टुकड़ों को जंगलों में फेंक दिया था। विशेष पुलिस आयुक्त (कानून व्यवस्था) सागर प्रीत हुड्डा ने कहा कि पुलिस को सीएफएसएल से डीएनए जांच रिपोर्ट और एफएसएल रोहिणी से पॉलीग्राफ जांच रिपोर्ट मिली है।
एफएसएल अधिकारियों द्वारा तिहाड़ जेल के अंदर पूनावाला का पोस्ट-नार्को परीक्षण 2 दिसंबर को संपन्न हुआ था। आरोपी को 12 नवंबर को गिरफ्तार किया गया था। आरोपी द्वारा खुलासा करने के बाद कि उसने पीड़िता के शरीर के टुकड़ों को जंगल में फेंक दिया था, दिल्ली पुलिस ने हड्डियों के 13 टुकड़े बरामद किए थे।
फोरेंसिक अधिकारियों ने आफताब के छतरपुर घर के बाथरूम और रसोई से रक्त के नमूने भी बरामद किए गए थे, जहां पूनावाला और वाल्कर दोनों वारदात से तीन दिन पहले 15 मई को शिफ्ट हुए थे। डीएनए विश्लेषण के लिए हड्डी के नमूने सेंट्रल फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (सीएफएसएल) भेजे गए थे।
सूत्रों ने कहा, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में हड्डियों का पोस्टमॉर्टम किया जाएगा। जांचकर्ता डॉक्टरों को एक प्रश्नावली भेजेंगे, जो ऑटोप्सी रिपोर्ट तैयार करेंगे, जिससे मामले के बारे में सभी प्रासंगिक जानकारी हासिल करने में मदद मिलेगी। एक अधिकारी ने कहा, शव परीक्षण से महत्वपूर्ण परिणाम प्राप्त करना मुश्किल हो गया है, क्योंकि बरामद शरीर के अंग विघटित स्थिति में थे, जबड़े का एक हिस्सा या खोपड़ी का एक टुकड़ा जांचकर्ताओं को कार्बन डेटिंग प्रक्रिया द्वारा मृत्यु का समय निर्धारित करने में मदद कर सकता है।
श्रद्धा और आफताब की मुलाकात 2018 में डेटिंग ऐप 'बंबल' के जरिए हुई थी। 15 मई को छतरपुर इलाके में शिफ्ट होने से पहले वह 8 मई को दिल्ली आए थे। आफताब ने कथित तौर पर 18 मई को श्रद्धा की हत्या कर दी, उसके शरीर को 35 टुकड़ों में काट दिया और उन्हें 18 दिनों तक अलग-अलग स्थानों पर ठिकाने लगाते रहा।
--आईएएनएस