पहली बार सुंदरबन सीमा पर लड़ाकू भूमिका में नजर आएंगी बीएसएफ की महिला प्रहरी

Update: 2022-12-19 13:49 GMT
नई दिल्ली, (आईएएनएस)| बंगाल के दुर्गम सुंदरबन क्षेत्र में बांग्लादेश के साथ लगती विशाल जलीय सीमा की सुरक्षा में अब बीएसएफ की महिला प्रहरी भी नजर आएंगी। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर ने इतिहास में पहली बार महिला सशक्तिकरण की मिसाल पेश करते हुए फ्लोटिंग बीओपी में लड़ाकू भूमिका में स्वतंत्र रूप से बीएसएफ महिला प्रहारियों को सुरक्षा के लिए दलदली सुंदरबन अंतरराष्ट्रीय सीमा में तैनात किया है।
बीएसएफ ने बताया कि सुंदरबन में निगरानी बढ़ाने के लिए कुछ माह पहले बीएसएफ के छह नए फ्लोटिंग बीओपी (पानी में तैरते सीमा चौकी) में से एक बीओपी गंगा से सुरक्षा की जिम्मेदारी अब पूरी तरह से महिला जवानों को दी गई है। कुछ दिन पहले एक कार्यक्रम में महिला प्रहरियों को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है। ये प्रहरी लड़ाकू भूमिका में स्वतंत्र रूप से नजर आएंगी।
दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के डीआइजी अमरीश कुमार आर्य ने बताया कि बीएसएफ के इतिहास में यह पहली बार है, जब सुंदरबन जैसे कठिन और दुर्गम क्षेत्र में एक फ्लोटिंग बीओपी के संचालन एवं सीमा पेट्रोलिंग के लिए पूरी तरह से महिला जवानों को तैनात किया गया है। उन्होंने बताया कि महिला जवानों की एक प्लाटून को यहां तैनात किया गया है, जिसमें 15 से 20 जवान शामिल होते हैं।
गौरतलब है कि बंगाल के उत्तर व दक्षिण 24 परगना जिले में भारत और बांग्लादेश की सीमा के बीच सैकड़ों किलोमीटर में फैले सुंदरबन क्षेत्र की सुरक्षा एक चुनौतीपूर्ण कार्य है। इस क्षेत्र से मवेशियों और मादक पदार्थों की तस्करी सहित घुसपैठ एक बड़ी समस्या रही है। ये इलाका घने जंगल और चारों तरफ पानी से घिरा है। इस क्षेत्र में भूमि सीमा चौकियों का निर्माण संभव नहीं है, इसलिए यहां फ्लोटिंग बीओपी बनाकर निगरानी की जाती है।
--आईएएनएस
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