सिंघु बॉर्डर पर फांसी के फंदे पर लटका मिला किसान का शव
धरना प्रदर्शन को लेकर बुरी खबर आ रही है.
नई दिल्ली/सोनीपत: एक साल पहले लाए गए तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों को पूरी तरह से वापस लेने की मांग को लेकर दिल्ली-हरियाणा के सिंघु बार्डर पर जारी धरना प्रदर्शन को लेकर बुरी खबर आ रही है। मिली जानकारी के मुताबिक, तीनों केंद्रीय कृषि कानून के विरोध प्रदर्शन में चल रहे प्रदर्शन में शामिल 45 वर्षीय गुरप्रीत सिंह ने आत्महत्या कर ली। पंजाब के फतेहगढ़ जिले के रहने वाले गुरप्रीत सिंह ने नीम के पेड़ से फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। वह पार्कर माल के पास गांव की ट्राली में रहते थे। फिलहाल उनके सभी साथी गांव चले गए थे और वह यहां अकेले हे थे। बताया जाता है कि वे भारतीय किसान यूनियन सिद्धपुर से जुड़े थे। इनके प्रधान जगजीत सिंह दल्लेवाल हैं।
उधर, सूचना मिलने पर थाना कुंडली पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए नागरिक अस्पताल, सोनीपत भिजवा दिया है। फिलहाल आत्महत्या के कारणों का पता नहीं चल पाया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
इससे पहले फरवरी महीने में भी टीकरी बार्डर पर प्रदर्शन में शामिल एक किसान ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी, जबकि एक अन्य किसान सुखमिंदर सिंह (60) की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई थी। टीकरी बार्डर पर आत्महत्या करने वाला किसान कुछ ही दिन पहले आंदोलन में शामिल हुआ था। यह किसान आत्महत्या से एक दिन पहले बहुत निराश था और निराशा भरी बातें भी कर रहा था, इसके बाद देर रात उसने फांसी लगाकर जान दे दी। इस किसान का नाम कर्मवीर पुत्र दरियाव सिंह था। कर्मवीर ने बाईपास स्थित नए बस स्टैंड के पास एक पेड़ पर प्लास्टिक की रस्सी का फंदा लगाकर जान दे दी थी। अगले दिन सुबह किसानों को उसका शव पेड़ से फंदे पर लटका मिला। मौके से एक सुसाइड नोट भी बरामद हुआ है, जिसमें लिखा है कि भारतीय किसान यूनियन जिंदाबाद।