पारिवारिक मामलों पर सार्वजनिक रूप से चर्चा नहीं की जाती: RSS on Nadda's statement
New Delhi नई दिल्ली: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के वरिष्ठ पदाधिकारी सुनील आंबेकर ने बुधवार को भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा की उस टिप्पणी को पारिवारिक मामला करार दिया जिसमें उन्होंने कहा था कि भगवा पार्टी आरएसएस पर निर्भर रहने से आत्मनिर्भर बन गई है। यह पूछे जाने पर कि क्या नड्डा की टिप्पणी से भाजपा और संघ के बीच दरार पैदा हुई है, आरएसएस के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख आंबेकर ने कहा, "हम पारिवारिक मामलों को पारिवारिक मामलों की तरह ही सुलझाते हैं। हम ऐसे मुद्दों पर सार्वजनिक मंचों पर चर्चा नहीं करते।" मई में मीडिया को दिए साक्षात्कार में नड्डा ने कहा था कि भाजपा उस समय से आगे बढ़ी है जब उसे आरएसएस की जरूरत थी और अब वह "सक्षम" है तथा अपने काम खुद करती है। उन्होंने कहा था कि आरएसएस एक वैचारिक मोर्चा है और अपना काम खुद करती है।
मुंबई में इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में बोलते हुए आंबेकर ने कहा कि भले ही लोग राजनीतिक लाभ के बारे में सोचकर संघ से जुड़ते हैं, लेकिन संगठन से जुड़े होने के कारण वे अपने आप ही अच्छे काम करने लगते हैं। आंबेकर ने कहा कि अच्छे काम करने की चाहत में रोजाना कई लोग आरएसएस में आते हैं। आईटी क्षेत्र से भी कई लोग आरएसएस में आते हैं क्योंकि उन्हें दूसरों की सेवा करने की आवश्यकता महसूस होती है। पिछले 10 वर्षों में भारत की ताकत और कमजोरियों के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में, आंबेकर ने कहा कि दुनिया अब भारत की शक्ति और विज्ञान तथा अर्थव्यवस्था जैसे क्षेत्रों में इसकी क्षमता को पहचानती है। आंबेकर ने कहा, "पहले लोग सोचते थे कि इस देश में कोई भविष्य नहीं है। अब, यह महसूस हो रहा है कि आगे बढ़ने की प्रबल संभावना है और भारत में क्षमता है।" "हालांकि, सामाजिक स्तर पर कई चुनौतियां हैं। सामाजिक असमानता और कुछ सामाजिक दोष रेखाएं अभी भी एक चुनौती हैं। हमें सामाजिक सद्भाव के लिए बहुत काम करने की जरूरत है।"