फरीदाबाद में फर्जी बिलिंग रैकेट का खुलासा, छापेमारी में 200 करोड़ की गड़बड़ी का पता चला
राजधानी दिल्ली से सटे फरीदाबाद में पंजीकृत रद्दी लोहे (आयरन स्क्रैप) के कारोबार करने वाले पांच नकली फार्मों का खुलासा केन्द्रीय वस्तु एवं सेवा कर (सीजीएसटी) कमिश्नरी ने खुलासा किया है। इसके साथ ही फर्जी बिलिंग रैकेट चलाने के आरोप में दो लोगों को गिरफ्तार किया। इन कंपनियों ने माल की वास्तविक आपूर्ति के बिना 200 करोड़ रुपये से अधिक के फर्जी चालान जारी किया है। साथ ही धोखाधड़ी से 31.85 करोड़ रुपये मूल्य के इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का लाभ उठाया।
सीजीएसटी कमिश्नरी, फरीदाबाद के अधिकारियों की एक टीम ने फरीदाबाद में पांच स्थानों पर एक साथ तलाशी ली। जांच के दौरान, यह पाया गया कि उक्त फर्में माल की वास्तविक आपूर्ति के बिना जाली, फर्जी चालान के आधार पर फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ उठा रही हैं और उसे जारी कर रही हैं। सीजीएसटी की छापेमारी और प्रारंभिक जांच के दौरान, उक्त फर्मों के दोनों मालिकों ने अंतर-राज्यीय प्राप्तकर्ताओं को माल की वास्तविक आपूर्ति के बिना 31.85 करोड़ रुपये मूल्य के फर्जी आईटीसी का लाभ उठाया। साथ ही उसे जारी करने की बात स्वीकार कर ली है और कुल 31.85 करोड़ रुपये की जीएसटी देयता स्वीकार कर ली है। भविष्य में इसकी मात्रा बढ़ सकती है। दोनों आरोपियों को केन्द्रीय वस्तु एवं सेवा कर अधिनियम अधिनियम, 2017 की धारा 132 (1) (बी), 132 (1) (सी) और 132 (5) के तहत अपराध के लिए केन्द्रीय वस्तु एवं सेवा कर अधिनियम, 2017 की धारा 69 के तहत गिरफ्तार किया गया है। उन्हें सीजेएम कोर्ट, फरीदाबाद के समक्ष पेश किया गया और 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। इस मामले में आगे की जांच जारी है। वित्त मंत्रालय के प्रवक्ता के मुताबिक सीजीएसटी अधिनियम 2017 की धारा 132 के अनुसार, पांच करोड़ रुपये से अधिक राशि पर माल या सेवाओं की आपूर्ति के बिना चालान या बिल जारी करना और गलत तरीके से इनपुट टैक्स क्रेडिट का उपयोग करना एक संज्ञेय और गैर-जमानती अपराध है।