तिहाड़ के कैदियों के लिए चप्पे-चप्पे पर फेस रिकग्निशन कैमरा लगेगा

Update: 2022-07-10 09:07 GMT

दिल्ली न्यूज़: तिहाड़ जेल प्रशासन सुरक्षा बेहतर करने के लिए चप्पे-चप्पे पर फेस रिकग्निशन कैमरा लगाएगा। इससे कैदियों की हर वक्त निगरानी रखी जा सकेगी। इसके लिए सर्वे का काम पूरा हो गया है। जेल प्रशासन की ओर से तिहाड़ जेल परिसर के अलावा रोहिणी और मंडोली जेल में सीसीटीवी कैमरे से नजर रखी जा रही है। बावजूद इसके कैदी कई बार मारपीट और जेल में रहकर बाहर वारदात करने की साजिश रचते रहते हैं। सीसीटीवी होने के बाद भी उनकी तत्काल पहचान नहीं हो पाती। इसके लिए जांच प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है। इतने वक्त में वह अपने मंसूबे में कामयाब हो जाता है। ऐसे में जेल प्रशासन ने जेल के अंदर फेस रिकग्निशन कैमरा लगाने का फैसला किया है। इसके लिए तीनों जेलों का सर्वे करवाया गया है। शुरुआत में कैमरा किस जगह पर बेहतर परिणाम दे सकता है, उसके आधार पर हर जेल में पांच-पांच प्वाइंट की पहचान की गई है। पहले फेज में इन जगहों पर कैमरे लगेंगे। इसके बाद इन कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। जेल के एक अधिकारी का कहना है कि कैमरों को ऐसे स्थान पर लगाया जाएगा, जहां कैदियों का आना जाना है और कुछ ऐसी जगहें भी होगी जहां जाकर कैदी गुपचुप तरीके से किसी भी वारदात की साजिश रचने की कोशिश करते हैं। जेल अधिकारी का कहना है कि शुरुआत में हर एक जेल में पांच फेस रिकग्निशन कैमरा लगाने का प्रस्ताव है और जरूरत पड़ने पर इसमें इजाफा किया जा सकता है।

हर हरकत का चल जाएगा पता: जेल के आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि कैमरे लगाने का मकसद यह देखना है कि कैदी जेल में किन-किन जगहों पर जाकर कैदियों से मिलते-जुलते हैं। चेहरा पहचानने वाला कैमरा इन कैदियों पर नजर रखेगा। इससे तुरत पता चल जाएगा कि संबंधित कैदी कहा गया और किससे मुलाकात की। इसके बाद जेल के अधिकारी ऐसे कैदियों पर निगरानी शुरू कर देंगे, जिससे किसी भी घटना के होने से पहले ही रोक लगाई जा सके। 

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