दिल्ली न्यूज़: आजाद भारत ने जन्म लेते ही विभाजन की विभीषिका देखी, लाखों लोगों ने इस दर्द को सहा। बताया जाता है कि पश्चिमी पाकिस्तान से करीबन 60 लाख लोग अपने घर, मोहल्ले, बसी हुई जिंदगी को छोड कर चल दिए और विस्थापित जीवन जीने को मजबूर हुए। भारत के दिल्ली, पंजाब से भी 60-65 लाख लोग पश्चिमी पाकिस्तान सहित पाकिस्तान के दूसरे हिस्सों में जा कर बस गए। विस्थापन की पीड़ा तब और ज्यादा दर्दनाक हुई जब लोगों ने अपनों का ही खून देखा और इतिहास बताता है कि करीबन पांच लाख लोगों का कत्लेआम इस दौरान हुआ। यह पीड़ा दिखाती है कि दिल्ली मेट्रो की राजीव चौक पर लगाई गई विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस..। इसका शुभारंभ करते हुए मेट्रो के प्रबंध निदेशक विकास कुमार ने कहा कि यह देश को पिछली सदी में बहुत बड़ी संख्या में मानव आबादी के विस्थापन की याद दिलाती है, जिस दौरान बड़ी संख्या में लोगों ने अपनी जान भी गंवाई थी।
आजादी का अमृत महोत्सव के हिस्से के रूप में यह प्रदर्शनी संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार के दिशानिर्देशों के अनुसार लगाई गई है। विभाजन से प्रभावित लोगों की पीड़ा दिखाने के लिए भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद और इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र के संयुक्त प्रयासों से इसका आयोजन किया गया है। अंग्रेजी और हिंदी भाषाओं में यह प्रदर्शनी वेबसाइट पर भी देखी जा सकती है। प्रदर्शनी 10 अगस्त से 14 अगस्त 2022 तक दर्शकों के लिए खुली रहेगी। कश्मीरी गेट मेट्रो स्टेशन पर भी इसी तरह की एक प्रदर्शनी लगाई गई है। इस वर्ष में, जब देश ने अपनी स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे किए हैं, पूरे देश में विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस मनाया जा रहा है।