आबकारी नीति मामला : कोर्ट ने सिसोदिया, अन्य के खिलाफ सप्लीमेंट्री चार्जशीट पर संज्ञान लिया
नई दिल्ली (आईएएनएस)| दिल्ली की एक अदालत ने आबकारी नीति मामले में शनिवार को पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और तीन अन्य के खिलाफ केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की सप्लीमेंट्री चार्जशीट पर संज्ञान लिया। राउज एवेन्यू कोर्ट के विशेष न्यायाधीश एमके नागपाल ने 19 मई को आदेश सुरक्षित रखने के बाद सप्लीमेंट्री चार्जशीट पर संज्ञान लिया है। अदालत ने मनीष सिसोदिया, अर्जुन पांडेय, बुच्ची बाबू और अमनदीप ढल को दो जून के लिए समन जारी किया है।
सीबीआई मामले में 12 मई को सिसोदिया की न्यायिक हिरासत 2 जून तक बढ़ा दी गई थी। अदालत ने 19 मई को इसी मामले में सिसोदिया के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की सप्लीमेंट्री चार्जशीट के संज्ञान पर एक आदेश भी सुरक्षित रख लिया था और 30 मई को आदेश सुनाएगी।
सीबीआई ने अपनी सप्लीमेंट्री चार्जशीट में आरोप लगाया है कि सिसोदिया ने शराब नीति के संबंध में टिप्पणी/सुझाव मांगने की प्रक्रिया में हेरफेर करने के लिए दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग (डीएमसी) के अध्यक्ष जाकिर खान के माध्यम से अपने हिसाब से कुछ ईमेल मंगवाए थे।
सीबीआई ने आरोप लगाया कि सिसोदिया ने दिल्ली में शराब के व्यापार के एकाधिकार और कार्टेलाइजेशन को सुविधाजनक बनाने के लिए आबकारी नीति तैयार और लागू की।
जांच एजेंसी ने दावा किया है कि सिसोदिया पूर्व आबकारी आयुक्त रवि धवन द्वारा 13 अक्टूबर, 2020 को सौंपी गई विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट की सिफारिशों से खुश नहीं थे और नए आबकारी आयुक्त राहुल सिंह को जनता और हितधारकों से टिप्पणियां प्राप्त करने के लिए आबकारी विभाग के पोर्टल पर रिपोर्ट डालने का निर्देश दिया।
सीबीआई ने आरोप लगाया है कि सिसोदिया ने आबकारी विभाग द्वारा तैयार कैबिनेट नोट के ड्राफ्ट को नष्ट कर दिया और 28 जनवरी 2021 को हुई बैठक में मंत्रिपरिषद के समक्ष रखा।
कैबिनेट नोट के ड्राफ्ट में भारत के तत्कालीन सीजेआई रंजन गोगोई और के.जी. बालकृष्णन, वरिष्ठ अधिवक्ता और भारत के पूर्व अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी और अन्य की कानूनी राय प्राप्त की गई थी।
इसी अदालत ने मंगलवार को ईडी द्वारा जांच की जा रही दिल्ली आबकारी नीति मामले में सिसोदिया की न्यायिक हिरासत एक जून तक बढ़ा दी थी। जेल अधिकारियों को निर्देश दिया गया कि वह अध्ययन के उद्देश्य से उन्हें कुर्सी और टेबल उपलब्ध कराने के उनके अनुरोध पर विचार करें।
इस साल 26 फरवरी को सीबीआई द्वारा सिसोदिया को गिरफ्तार करने के बाद ईडी ने नौ मार्च को सिसोदिया को गिरफ्तार किया था। ईडी ने आरोप लगाया है कि पूरे आबकारी नीति मामले के पीछे सिसोदिया मास्टरमाइंड थे और उन्होंने जानबूझकर रिश्वत के लिए नीति को सह-अभियुक्तों को लीक कर दिया था।
पिछले महीने न्यायाधीश नागपाल ने सिसोदिया को जमानत देने से इनकार करते हुए कहा था कि साक्ष्य, प्रथम दृष्टया अपराध में उनकी संलिप्तता दर्शाती है।
--आईएएनएस