हर पुलिस कर्मी के पास आस से कहीं ज्यादा अनुभव होगा, हर पुलिस कर्मी होगा आपका गुरु: दिल्ली पुलिस आयुक्त
दिल्ली न्यूज़: प्रशिक्षण पूरा किए जाने के बाद थाने में काम शुरू करने पर वहां तैनात हर कोई आपका गुरू होगा, क्योंकि हर पुलिस कर्मी के पास आस से कहीं ज्यादा अनुभव होगा। यह बातें झरौदा कलान दिल्ली पुलिस अकादमी में अक्तूबर माह में पास आउट होने वाले सब इंस्पेक्टर रैंक के पदाधिकारियों को संबोधित करते हुए दिल्ली पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा ने कही। वे बुधवार को अकादमी में बनाए गए नए इमारतों का उद्घाटन करने पहुंचे थे। जहां उन्होंने फीता काटकर नए प्रशासनिक ब्लॉक, शैक्षणिक ब्लॉक, शस्त्रागार भवन और बैरक का उद्घाटन किया। इस अवसर पर स्पेशल सीपी (प्रावधान एवं वित्त प्रभाग) आर.एस. कृष्णइया, स्पेशल सीपी (प्रशिक्षण) मुकेश कुमार मीणा, स्पेशल सीपी सागर प्रीत हुड्डा (लॉ एंड ऑर्डर जोन-2) और निदेशक, दिल्ली पुलिस अकादमी डॉ ऋषि पाल उपस्थित थे। उन्होंने कहा कि ट्रेनिंग सेंटर से निकलने के बाद जब आप थाने में काम शुरू करेंगे तो ऐसास होगा कि यहां जो बताया गया है वह और फिल्ड के काम में कई स्थानों पर काफी अंतर मिलेगा। ऐसे में वहां पहले से कार्यरत्त एक कांस्टेबल भी आपका मार्गदर्शक बन सकता है। क्योंकि उसके पास फिल्ड का वर्षों का अनुभव है, जिसे आपको उससे कुछ माह में ही सीखना होगा। वहां कभी भी अपने अफसर होने का घमंड न किजियेगा। शुरुआत के कुछ वर्षो का काम ही आप पर एक लेबल लगा देगा। पुलिस जॉब में वही लेबल जीवन पर्यंत साथ रहता है। यह विभाग के सहकर्मियों और अधिकारियों में आपका परसेप्सन है। पुलिस में परसेप्सन काफी मायने रखता है। अच्छा आपके रास्ते को आसान बना देगा, बुरा कठिन।
2023 में होने वाले जी-20 बैठक की होगी विशेष तैयारी: उन्होंने बताया कि अगले वर्ष सितंबर माह में ही नई दिल्ली जी-20 की बैठक होने वाली है। दुनिया भर के प्रतिनिधि यहां आएंगे। इस दौरान कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए अभी से ही दिल्ली पुलिस ने तैयारी शुरू कर दी है। इसके लिए पुलिस के हर स्तर के कर्मियों और अधिकारियों के प्रशिक्षण की जरूरत है। इसके लिए एक बेहतर प्रशिक्षण स्थल की जरूरत है, जिसे यह अकादमी पूरा करेगी। उन्होंने ने कहा कि दिल्ली पुलिस देश के सर्वश्रेष्ठ पुलिस बलों में से एक है। इस सर्वश्रेष्ठता को बनाए रखने के लिए जरूरी है कि हम हमेशा अच्छी बातें सीखते रहें। समारोह के दौरान प्रशिक्षुओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि यहां अकादमी से निकलने के बाद जब आपकी तैनाती क्षेत्र में होगी तब आपके सामने रोजाना नई चुनौतियां आएंगी। कई ऐसी बातों से आपका सामना होगा जहां आपको व्यवहारिक ज्ञान की जरूरत पड़ेगी। यह व्यवहारिक ज्ञान आपको अनुभवी लोगों से लेने की जरूरत पड़ेगी। इस ज्ञान के लिए जरूरी नहीं है कि आप अपने से उपर के रैंक के अधिकारी से ही कुछ सीखें, कई बार आपसे रैंक में काफी नीचे के कर्मी से भी उपयोगी बातें सीखने को मिलती हैं। आपको उनसे या किसी से भी नई बातें सीखने में संकोच नहीं करना चाहिए। जीवन में हर किसी को अपने गुरु बनाने के लिए तैयार रहना चाहिए।
कोर्ट, लाकअप, थाना सभी की प्रतिकृति: अकादमी में प्रशिक्षण के दौरान प्रशिक्षुओं को ज्यादा से ज्यादा व्यवहारिक ज्ञान हो, इसके लिए यहां थाना, कोर्ट, लाकअप, मालखाना इत्यादि की प्रतिकृति बनाई गई है। साथ ही घटनास्थल पर कैसे क्राइम सीन को संरक्षित किया जाए, इसके लिए यहां अलग अलग क्राइम सीन की प्रतिकृति बनाई गई है। आने वाले समय में यहां एफएसएल की प्रतिकृति भी बनाई जाएगी।
137 करोड़ रुपये की लागत: नई इमारतों के निर्माण पर करीब 137 करेाड़ रुपये की लागत आई है। नई इमारतों में दो मंजिला प्रशासनिक खंड, छह मंजिला बैरक, शापिंग कंप्लेक्स, गार्ड क्वार्टर, विजिटर ब्लाक शामिल है। करीब 12.5 एकड़ में हुए इस निर्माण को पूरा करने में तीन वर्ष का समय लगा है।