प्रवर्तन निदेशालय ने यमुना प्राधिकरण से ऑरिस ग्रुप की ऑडिट रिपोर्ट मांगी
ऑरिस ग्रुप के यमुना एक्सप्रेसवे के पास ग्रीनबे गोल्फ विलेज हाउसिंग प्रोजेक्ट में विसंगति संबंधी रिपोर्ट मांगी
नोएडा: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने यमुना प्राधिकरण (यीडा) से ऑरिस ग्रुप की ऑडिट रिपोर्ट समेत कुछ दूसरे विवरण मांगे हैं. ईडी की ओर से यीडा को पत्र भी लिखा गया है, जिसमें उन्होंने ऑरिस ग्रुप के यमुना एक्सप्रेसवे के पास ग्रीनबे गोल्फ विलेज हाउसिंग प्रोजेक्ट में विसंगति संबंधी रिपोर्ट मांगी है.
जानकारी के अनुसार प्रवर्तन निदेशालय ऑरिस ग्रुप के अलग-अलग शहरों और राज्यों में चल रहे प्रोजेक्ट की जांच कर रहा है. अब ईडी ने यमुना प्राधिकरण क्षेत्र के सेक्टर-22डी में ऑरिस ग्रुप के ग्रीनबे प्रोजेक्ट की ऑडिट रिपोर्ट समेत अन्य विवरण मांगे हैं. ईडी के उपनिदेशक पेम्मैया केडी की तरफ से प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक डॉ. अरुणवीर सिंह को पत्र भी भेजा गया है. वर्ष 2011 में प्राधिकरण ने डेवलपर को 684 प्लॉट और 620 फ्लैट वाले टाउनशिप प्रोजेक्ट के लिए 100 एकड़ भूमि का आवंटन किया था. आवंटन के समय इस भूमि की कीमत 192 करोड़ थी.
बताया गया कि आवंटन के कुछ दिनों बाद ही डेवलपर की ओर से प्राधिकरण का बकाया चुकाने में लापरवाही बरती जाने लगी, जब बकाया बढ़ा तो प्राधिकरण ने डेवलपर के वित्तीय लेनदेन की जांच के लिए एक ऑडिट समिति का गठन कर दिया, जिसमें कई प्रकार की विसंगति प्राप्त हुई थीं.
प्राधिकरण की ओर से जून 2018 को ग्रीनबे गोल्फ प्रोजेक्ट विकसित करने वाली ऑरिस ग्रुप की कंपनी ग्रीन बे इंफ्रास्ट्रक्चर के खिलाफ कासना थाने में धोखाधड़ी, आपराधिक विश्वासघात और कंपनी अधिनियम के प्रावधानों के तहत एफआईआर दर्ज करा दी गई. वर्तमान में 455 करोड़ रुपये के साथ ऑरिस समूह यीडा के सबसे बड़े डिफॉल्टरों में से एक है.