दिल्ली में बढ़े बिजली के दाम, केजरीवाल सरकार बोली जनता पर नहीं पड़ेगा बोझ
दिल्ली | राजधानी दिल्ली में बिजली महंगी होने वाली है। क्योंकि डीईआरसी यानी दिल्ली विद्युत नियामक आयोग ने पावर डिस्कॉम, बीवाईपीएल (बीएसईएस यमुना) और बीआरपीएल (बीएसईएस राजधानी) की वह मांग स्वीकार कर ली है जिसमें उन्होंने दरें बढ़ाने की अनुमति दी थी। इस फैसले के बाद बीएसईएस क्षेत्रों में बिजली की दरें 10 फीसदी महंगी हो जाएंगी।
हालांकि दिल्ली सरकार की ओर से कहा गया है कि इससे दिल्ली के उपभोक्ताओं पर सीधा असर नहीं पड़ेगा। 200 यूनिट से ऊपर बिजली खर्च होने के बाद बढ़ा हुआ चार्ज देना पड़ेगा। दिल्ली सरकार में ऊर्जा मंत्री आतिशी ने बताया कि दिल्ली के जिन लोगों का जीरो बिजली बिल आता है, उनका जीरो बिजली बिल आता रहेगा। चाहे ये सरचार्ज बढ़ें या घटे।
आतिशी ने बिजली के बढ़ते दामों को लेकर केंद्र सरकार को आढ़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि आज बिजली का दाम इसलिए बढ़ रहा है क्योंकि केंद्र सरकार के कुप्रबंधन वजह से आज देश में कोयले का दाम महंगा हो गया है। आज भारत के 75 साल के इतिहास में पहली बार कोयले की आर्टिफिशल शोर्टेज हो गई है, उसकी शोर्टेज की वजह से कोयले का दाम बढ़ रहा है। केंद्र सरकार ने अब जबरदस्ती की है कि कोई भी अब अगर कोयला खरीदेगा तो उसे 10 प्रतिशत इंपोर्टेड कोयले का इस्तेमाल करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि आज अगर दिल्ली जैसे शहर में भी बिजली का दाम बढ़ रहा है तो वो सिर्फ और सिर्फ केंद्र सरकार की वजह से बढ़ रहा है।
उन्होंने बताया कि इंपोर्टेड कोयले का दाम, भारत के कोयले से लगभग 10 गुना ज्यादा है। अगर आप डोमेसटिक कोयले का इस्तेमाल करीए तो वो तकरीबन 2000 रुपए टन का आता है। जो इंपोर्टेड कोयला बिजली कंपनियों को इस्तेमाल करना पड़ रहा है, वो 25 हजार रुपए टन आ रहा है। 200 यूनिट तक के फ्री बिजली बिल आते हैं, उनको कोई फर्क नहीं पड़ेगा। जिनके बिल बिना सब्सिडी के आते हैं, उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ेगा लेकिन आठ पर्सेंट का सरचार्ज उनके बिल पर बढ़ेगा। आतिशी ने बताया कि अगर 100 रुपए का बिल आ रहा है तो 108 रुपए का आएगा।