टेलीकॉम कंपनी में नौकरी का झांसा, सात युवतियों समेत आठ लोग गिरफ्तार
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दिल्ली के उत्तर पश्चिम जिला की साइबर सेल पुलिस ने राजस्थान के टेलीकॉम कंपनी में नौकरी का झांसा देकर ठगी करने वाले एक गैंग का खुलासा किया है। पुलिस ने सरगना समेत आठ आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिसमें सात युवतियां शामिल हैं। आरोपी खोड़ा कॉलोनी गाजियाबाद यूपी में फर्जी कॉल सेंटर चलाकर ठगी को अंजाम दे रहे थे। गिरफ्तार सात युवतियां यहां प्रबंधक और टेली कॉलर के तौर पर काम करतीं थीं और फोन कर लोगों से ठगी करतीं थीं। इनके कब्जे से पुलिस ने दस मोबाइल फोन और कई दस्तावेज बरामद किए हैं। लोगों से ठगे गए पैसे सरगना बैंक खातों में डलवाता था और फिर उसे अपने खाते में ट्रांसफर कर लेता था। शुरुआती जांच में पता चला है कि आरोपियों ने एक साल में पांच सौ लोगों से ठगी कर चुके हैं।
जिला पुलिस उपायुक्त उषा रंगनानी ने बताया कि गिरफ्तार सरगना की पहचान गाजीपुर डेयरी फार्म निवासी धीरज गुर्जर के रूप में हुई है। जबकि अन्य युवतियों की पहचान ओल्ड कोंडली, दिल्ली निवासी निधि, संगम पार्क खोड़ा कॉलोनी गाजियाबाद निवासी मानसी रावत, खिचड़ीपुर निवासी चांदनी खातून, इंदिरा कैंप निवासी प्रियंका, गाजीपुर निवासी चेतना, ओल्ड कोंडली निवासी चारू और त्रिलोकपुरी निवासी कंचन के तौर पर हुई है।
ठगी के शिकार मुखर्जी नगर निवासी यश कलाल ने साइबर सेल में ठगी की शिकायत दी थी। उसने बताया कि एक समाचार पत्र में उसने राजस्थान में टेलीकॉम कंपनी में नौकरी का विज्ञापन देखा। उसने विज्ञापन में दिए नंबर पर संपर्क किया। उससे आधार, प्रमाण पत्र और फोटोग्राफ मंगवाए गए और फिर कई मदों में पैसे बैंक खाते में डलवाए गए। पैसे देने के बावजूद उसे नौकरी नही मिली, बाद में आरोपियों ने उसका फोन उठाना बंद कर दिया। साइबर सेल ने मामला दर्ज कर जांच शुरु की।
गाजियाबाद की खोड़ा कॉलोनी में चल रहा था फर्जी कॉल सेंटर
तकनीकी जांच के जरिए पुलिस ने गैंग के सरगना धीरज गुर्जर को गाजीपुर से गिरफ्तार कर लिया। जांच करने पर पता चला कि आरोपी उसी मोबाइल फोन का इस्तेमाल कर रहा था, जिससे शिकायतकर्ता को ठगा गया था और ठगी की रकम उसके खाते में ट्रांसफर कर दी गई थी। पूछताछ में पता चला कि वह यूपी के गाजियाबाद में खोड़ा कॉलोनी में एक फर्जी कॉल सेंटर चलाता है। जहां उसने कुछ कर्मचारियों को काम पर रखा है। वहीं से नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी की जाती है। उसके निशानदेही पर बुधवार को पुलिस ने खोड़ा कालोनी के महालक्ष्मी गार्डन स्थित एक मकान में दबिश दी और सात युवतियों को गिरफ्तार कर लिया। सभी युवतियां कॉल सेंटर से बेरोजगारों से ठगी में लिप्त थी।
खुद दसवीं-बारहवीं पास ठग रोजगार के दिखा रहे थे सपने
जांच में पता चला कि मुख्य आरोपी धीरज गुर्जर नौवीं पास है जबकि उसके फर्जी कॉल सेंटर में काम करने वाली युवतियां दसवीं और बारहवीं पास थीं। मुख्य आरोपी ने पैसे ठगने के लिए कई बैंकों में पहले खाते खोले, फिर पिछले एक साल से कई अलग-अलग जगहों पर फर्जी कॉल सेंटर चलाकर लोगों से ठगी को अंजाम दिया। पिछले एक महीने से वह मौजूदा फर्जी कॉल सेंटर से ठगी कर रहा था। इमारत के मालिक को वह 19 हजार रुपये किराए देता था। वह प्रबंधक का काम करने वाली महिला को 14 हजार, जबकि टेली कॉलरों को दस हजार रुपये वेतन देता था।