एडिफिस का दावा: 24 अगस्त तक विस्फोटक लगा लिया जायेगा, एक टावर में लगाए जा चुके हैं विस्फोटक
एनसीआर नॉएडा न्यूज़: दिल्ली से सटे नोएडा में सुपरटेक के ट्विन टावर गिराने का काम देख रही एडिफिस कंपनी का दावा है कि 24 अगस्त तक विस्फोटक लगाने का काम पूरा कर लिया जाएगा। दो में से एक टावर में विस्फोटक लग चुके हैं तो दूसरे में काम चल रहा है। उम्मीद है कि 28 अगस्त की दोपहर दोनों टावर सियान और एपेक्स को गिरा दिया जाएगा। वहीं सोमवार को प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों ने दूसरे विभागों के अधिकारियों के साथ साइट का जाएजा लिया।
जिला प्रशासन व अन्य विभागों द्वारा ट्विन टावर गिरने के बाद 60 मीटर की ऊंचाई तक उठने वाले धूल के गुबार को रोकने की तैयारी भी चल रही है। धूल के गुबार पर काबू पाने के लिए 4 अलग-अलग तरह के इंतजाम किए जा रहे हैं। कंपनी के प्लान को परखने के लिए दूसरे विभागों के साथ उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों ने सोमवार को साइट का दौरा भी किया। इस दौरान उन्होंने दोनों टावर का बारीकी से निरिक्षण किया। अधिकारियों ने टावर गिरने के बाद 60 मीटर की ऊंचाई तक उठने वाले धूल के गुबार को रोकने के लिए भी एडिफिस कंपनी के इंजीनियरों से बात की। इंजीनियरों ने बताया कि धूल के गुबार को रोकने के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं। आसपास की इमारतों के साथ पार्क और दूसरी जगहों को कई परतों में ढका जा रहा है। जिससे की किसी को नुकसान न पहुंचे। इंजीनियरों ने अधिकारियों को बताया कि वातावरण का भी विशेष ख्याल रखा जाएगा। ट्विर टावर को गिराने से पहले बड़ी मात्रा में पानी का छिडक़ाव किया जाएगा, जिससे धूल के गुबार को फैलने से रोका जा सके।
बड़ी मात्रा में होगा पानी का इस्तेमाल, फायर विभाग ने दी एनओसी: एडिफिस कंपनी के इंजीनियरों का कहना है कि ट्विन टावर को गिराने के दौरान बड़ी मात्रा में पानी का इस्तेमाल किया जाएगा। वाटर जैट, फायर टेंडर और स्प्रिंकलर से भी पानी गिराने का इंतजाम किया जा रहा है। इसके लिए फायर विभाग ने अपनी एनओसी दे दी है। इंजीनियरों की मानें तो 100-100 मीटर ऊंचे दोनों टावर गिरने पर करीब 60 मीटर की ऊंचाई तक धूल का गुबार उठेगा। इससे आसपास के घरों में भी धूल जाने का खतरा रहेगा। लेकिन धूल किसी घर में न जाए इसके लिए सभी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। वायु प्रदूषण में 2.5 पीएम का लेवल बढऩे से रोकने के लिए भी हर संभव उपाय किए जा रहे हैं। गौरतलब रहे, दोनों टावर गिरने के दौरान पहले हेलीकॉप्टर से पानी का छिडक़ाव कराए जाने की अनुमति मांगी जा रही थी, लेकिन अनुमति या फिर किसी और वजह के चलते हेलीकॉप्टर से पानी नहीं फेंका जाएगा।
धूल और मलबे को रोकने के लिए लगाया जा रहा जीओ फाइबर क्लाथ का जाल: ट्विन टावर गिरने पर धूल और मलबे को बिखरने से रोकने के लिए और भी कई कदम उठाए जा रहे हैं। एडिफिस कंपनी ने दोनों टावर के हर एक फ्लोर पर जीओ फाइबर क्लाथ का जाल लगाया है। इस जाल के लगने से टावर गिरने पर मलबा इधर-उधर नहीं बिखरेगा और ना ही धूल उड़ेगी। जाल मलबा बिखरने और धूल उडऩे पर कंट्रोल करेगा। मलबा बिखरने से रोकने के लिए डबल लेयर पर काम किया जा रहा है। ट्विन टावर के आसपास लोहे की दीवार खड़ी की जा रही है।
जाल के साथ खड़ी की जा रही लोहे के कंटेनर से दीवार: ट्विन टावर गिरने पर धूल भारी और बड़़े मलबे को रोकने के लिए जाल से पहले लोहे के कंटेनर से दीवार बनाकर खड़ी करने की तैयारी चल रही है। एक के ऊपर एक कंटेनर रखकर 30 मीटर ऊंची दीवार खड़ी की जाएगी। छोटे पेड़-पौधों को धूल से बचाने के लिए उनको जाल से ढकने का प्लान तैयार किया गया है।