ईडी ने ऑनलाइन गेमिंग फर्मों पर छापेमारी की, 4000 करोड़ रुपये से अधिक विदेश भेजे गए

Update: 2023-05-24 16:32 GMT
नई दिल्ली (आईएएनएस)| प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को कहा कि उन्होंने हाल ही में विदेशी पंजीकृत ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों और भारत में संचालित वेबसाइटों के खिलाफ दर्ज फेमा (एफईएमए) उल्लंघन मामले में 25 परिसरों में तलाशी और जब्ती अभियान चलाया। ईडी की जांच से पता चलता है कि शेल फर्मो के माध्यम से 4,000 करोड़ रुपये से अधिक विदेश भेजे गए थे। ईडी ने कहा कि दिल्ली में 11 स्थानों, गुजरात में 7 स्थानों, महाराष्ट्र में 4 स्थानों, मध्य प्रदेश में 2 स्थानों और आंध्र प्रदेश में 1 स्थान पर छापेमारी की गई।
ये ऑनलाइन गेमिंग कंपनियां/वेबसाइट कुरासाओ, माल्टा और सायप्रस जैसे छोटे द्वीप देशों में पंजीकृत हैं। हालांकि, ये सभी प्रतिनिधि व्यक्तियों के नाम पर खोले गए भारतीय बैंक खातों से जुड़ी हैं, जिनका ऑनलाइन गेमिंग गतिविधि से कोई संबंध नहीं है।
ईडी के एक अधिकारी ने कहा कि गेमिंग वेबसाइटों के माध्यम से आम जनता से एकत्र की गई राशि को फिर कई बैंक खातों के माध्यम से भेजा जाता है और अंत में सेवाओं के आयात के खिलाफ प्रेषण (भेजी हुई रकम) के उद्देश्य की गलत घोषणा करके भारत से बाहर भेज दिया जाता है।
अधिकारी ने कहा कि फेमा के प्रावधानों के तहत रेसिंग या घुड़सवारी, या किसी अन्य शौक से होने वाली आय भेजने की अनुमति नहीं है। ईडी ने कहा कि इस संबंध में कई हवाला ऑपरेटरों, आशीष कक्कड़, नीरज बेदी, अर्जुन अश्विनभाई अधिकारी, अभिजीत खोट और उनसे जुड़े व्यक्तियों और संस्थाओं से जुड़े परिसरों पर तलाशी ली गई।
अधिकारी ने कहा कि तलाशी के दौरान कई आपत्तिजनक दस्तावेज, मामलों से संबंधित इलेक्ट्रॉनिक सबूत और जांच एजेंसियों से बचने के लिए उनके द्वारा अपनाए गए तौर-तरीकों का खुलासा हुआ है।
अधिकारी ने कहा कि माल और सेवाओं के आयात के लिए भुगतान की आड़ में, 4,000 करोड़ रुपये की राशि भेजने के लिए प्रमुख व्यक्तियों द्वारा अपने कर्मचारियों के नाम पर सैकड़ों कंपनियां खोली गईं।
ईडी ने कहा कि कई पैन कार्ड, ऐसी फर्मो को बनाने के लिए इस्तेमाल किए गए आधार कार्ड, इन फर्मो के बैंक खातों के संचालन के लिए इस्तेमाल किए गए मोबाइल और कार्यालय टिकट भी मिले और जब्त किए गए हैं।
अधिकारी ने कहा कि प्रमुख व्यक्तियों को व्हाट्सएप, टेलीग्राम, सिग्नल जैसे इंस्टैंट मैसेजिंग ऐप के लिए अंतर्राष्ट्रीय वर्चुअल मोबाइल नंबरों का उपयोग करते हुए और अपनी वास्तविक पहचान को छिपाने के लिए पाब्लो, जॉन, वाटसन जैसे छद्म नामों का उपयोग करते हुए पाया गया। जांच एजेंसियों से बचने के लिए वे रिमोट-आधारित सर्वर, लैपटॉप का इस्तेमाल कर रहे थे, जिनका उपयोग एनीडेस्क, टीम व्यूअर जैसे रिमोट एक्सेस ऐप के जरिए किया जा रहा था।
ईडी ने आगे कहा कि दो रिमोट एक्सेस किए गए लैपटॉप भी बरामद किए गए हैं। तलाशी के दौरान की गई जब्ती में संदिग्ध दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण शामिल हैं, जो गेमिंग वेबसाइटों के माध्यम से जनता से एकत्र किए गए हजारों करोड़ रुपये के विदेशों में भेजनी की पुष्टि करते हैं।
--आईएएनएस
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