ईडी ने 'किप्टोकरेंसी' धोखाधड़ी मामले में व्यक्ति को किया गिरफ्तार

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को कहा कि उसने केरल के एक कारोबारी के खिलाफ धनशोधन की जांच के सिलसिले में एक आरोपी को गिरफ्तार किया है.

Update: 2022-03-29 13:01 GMT

नयी दिल्ली,  प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को कहा कि उसने केरल के एक कारोबारी के खिलाफ धनशोधन की जांच के सिलसिले में एक आरोपी को गिरफ्तार किया है. एजेंसी के मुताबिक, इस कारोबारी ने 'क्रिप्टोकरेंसी' देने का लालच देकर 900 से ज्यादा निवेशकों से 1200 करोड़ रुपये की कथित रूप से ठगी की है. 'क्रिप्टोकरेंसी' एक 'डिजिटल कैश' प्रणाली है, जो 'कम्प्यूटर एल्गोरिदम' पर बनी है. यह सिर्फ संख्या के रूप में ऑनलाइन रहती है तथा इस पर किसी भी देश या सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है. ईडी ने कहा कि अब्दुल गफूर 'मॉरिस कॉइन क्रिप्टोकरेंसी' का मुख्य 'स्टॉकिस्ट' था और उसे 24 मार्च को हिरासत में लिया गया था.

उसे अगले दिन अदालत में पेश किया गया, जिसने उसे 31 मार्च तक ईडी की हिरासत में भेज दिया संघीय जांच एजेंसी का आरोप है कि गफूर जांच में सहयोग नहीं कर रहा है और जवाब देने में 'टाल-मटोल' कर रहा है. एजेंसी के मुताबिक, गफूर 'स्टॉक्सग्लोबल ब्रोकर्स प्राइवेट लि.' का एक निदेशक था और उसने अपराध से हासिल धन को इधर-उधर करने में मदद की, लिहाज़ा उसे 24 मार्च को गिरफ्तार कर लिया गया. केरल पुलिस (मलप्पुरम अपराध शाखा इकाई) ने मामले में मुख्य आरोपी कारोबारी निशाद के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी, जिसके आधार पर ईडी ने मामला दर्ज किया. एजेंसी ने आरोप लगाया कि निशाद ने अपनी बेंगलुरू स्थित तीन कंपनियों -- 'लॉन्ग रीच ग्लोबल', 'लॉन्ग रीच टेक्नोलॉजीज़' और 'मॉरिस ट्रेडिंग' के जरिए पोंजी योजना के तहत निवेशकों से इस शर्त पर पैसा हासिल किया था कि उन्हें उच्च लाभांश दिया जाएगा, लेकिन उसने निवेशकों के साथ धोखा किया. पुलिस की शिकायत के मुताबिक, 900 से ज्यादा निवेशकों से 1200 करोड़ रुपये की ठगी की गई है.
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