यमुना और हिंडन नदी में बालू की स्थिति जानने के लिए लगाया गया ड्रोन हुआ लापता
दिल्ली न्यूज़: दिल्ली से सटे ग्रेटर नोएडा में यमुना और हिंडन नदी में वर्षा से पूर्व व बाद में सर्वे होना है, जिससे नदी में बालू की स्थिति का सही पता चल सके। सर्वे करने आई टीम का ड्रोन यमुना नदी में गिर गया। ड्रोन की तलाश के लिए छह गोताखोर लगाए गए, लेकिन सफलता नहीं मिली। अगले एक-दिन में टीम नए सिरे से दोनों नदी का सर्वे कर रिपोर्ट तैयार करेगी।
जिले में तीन स्थानों चकबसंतपुर, झुप्पा व रायपुर खादर में बालू खनन का पट्टा है। हाल ही में नया नियम बना था कि वर्षा से पूर्व व बाद में उन स्थानों पर नदी का सर्वे कराया जाए जहां-जहां पर बालू के पट्टे हैं। सर्वे करने की जिम्मेदारी सेंट्रल माइनिग प्लानिग एंड डिजाइनिग इंस्टीट्यूट(सीएमपीडीआइ) को दी गई थी। कुछ एजेंसी हायर कर सर्वे का काम कराया जा रहा था। एजेंसी के लोगों ने प्रयागराज सहित कुछ अन्य जिलों में भी सर्वे किया था। टीम के सदस्य ड्रोन के माध्यम से गौतमबुद्ध नगर में भी सर्वे कर रहे थे। अधिकारियों ने बताया कि सर्वे का कार्य रायपुर खादर में चल रहा था। इस दौरान ड्रोन की बैटरी डाउन थी। टीम के सदस्यों ने उस पर ध्यान नहीं दिया। इस कारण सर्वे के दौरान ड्रोन यमुना नदी में गिर गया।
तीन से चार घंटे तक ड्रोन तलाशते रहे गोताखोर, नहीं मिली सफलता: ड्रोन की तलाश के लिए तत्काल गोताखोर बुलाए गए। छह गोताखोर तीन से चार घंटे तक ड्रोन की तलाश करते रहे, काफी प्रयास के बाद भी उन्हें सफलता नहीं मिली। नदी में गंदा पानी अधिक होने के कारण गोताखोर हिम्मत हार गए। उन्होंने नदी में दोबारा तलाश करने से मना कर दिया। ड्रोन में लगी चिप में पूर्व में विभिन्न स्थानों पर किए गए सर्वे का डाटा था। ड्रोन न मिलने के कारण सारा डाटा खो गया। जिला खनन अधिकारी रंजीत निर्मल ने बताया कि सीएमपीडीआइ ने सर्वे करने वाली एजेंसी को हटा दिया है। जल्द ही नई एजेंसी के द्वारा जिले में सर्वे का काम किया जाएगा।