डॉ. अरुण शर्मा : आरटीपीसीआर जांच में उपयोगी, लेकिन ओमिक्रॉन का कोई सब वेरिएंट रुकावट डाल रहा है
नई दिल्ली. विश्व के कई देशों में एक बार फिर कोरोना संक्रमण (Corona Infection) फैलाने वाले नए वेरिएंट ओमिक्रोन के भारत में भी मरीज बढ़ रहे हैं. वहीं अन्य कोरोना के मरीजों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है लेकिन कोरोना के अन्य वेरिएंट के मुकाबले ज्यादा संक्रामक बताए जा रहे इस वेरिएंट के चलते ओमिक्रोन (Omicron) को लेकर ज्यादा चिंता है. महज कुछ ही दिन में कई गुना रफ्तार से बढ़ने वाले इन मामलों के चलते इस वेरिएंट की पहचान को लेकर भी लोगों में जिज्ञासा है. ऐसे में सवाल यह है कि क्या आरटीपीसीआर (RT-PCR) जांच या रैपिड एंटीजन टेस्ट (Rapid Antigen Test) से ओमिक्रोन वेरिएंट की पुष्टि हो सकती है.
इस बारे में आईसीएमआर, जोधपुर स्थित एनआईआईआरएनसीडी (नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर इम्पलीमेंटेशन रिसर्च ऑन नॉन कम्यूनिकेबल डिसीज) के निदेशक और कम्यूनिटी मेडिसिन विशेषज्ञ डॉ. अरुण शर्मा कहते हैं कि देश में आरटीपीसीआर जांच के माध्यम से कोरोना का तो पता चल रहा है लेकिन किन मरीजों में ओमिक्रॉन की शिकायत है इसका पता चलना अभी भी मुश्किल हो रहा है. इसके पीछे वजह है ओमिक्रॉन का कोई सब वेरिएंट. ऐसा लग रहा है कि ओमिक्रॉन का कोई एक सब वेरिएंट है जो आरटीपीसीआर जांच की पकड़ में नहीं आ रहा है. यही वजह है कि कई मामलों में देखा गया है कि जिस व्यक्ति की रैपिड एंटीजन जांच में रिपोर्ट पॉजिटिव आई है, वह आरटीपीसीआर में नेगेटिव है. जिसका मतलब यह नहीं है कि आरटीपीसीआर में नेगेटिव आने पर वह संक्रमित नहीं है, बल्कि संभव है कि वह संक्रमित है लेकिन आरटीपीसीआर में इसकी पहचान नहीं हो पा रही है. जैसा कि हाल ही में डब्ल्यूएचओ ने भी कहा है कि आरटीपीसीआर टेस्ट में तीन टार्गेट जीन में से एक जीन का पता नहीं चला है, जो शायद ओमिक्रॉन का सब वेरिएंट हो सकता है. यही वजह है कि यह जांच रिपोर्ट नेगेटिव आ जाती है.
डॉ. शर्मा कहते हैं, हालांकि इसका तात्पर्य यह भी नहीं है कि रैपिड एंटीजन टेस्ट में अगर कोई व्यक्ति पॉजिटिव आ रहा है तो उसको ओमिक्रॉन ही है. रैपिड एंटीजन टेस्ट भी मरीज के संक्रमित होने की पुष्टि करता है लेकिन यह भी ये नहीं बताता कि मरीज किस वेरिएंट से प्रभावित है. वहीं अगर आरटीपीसीआर नेगेटिव है तो भी इस टेस्ट को विकल्प के रूप में अपनाया जा सकता है. हालांकि वेरिएंट की जांच के लिए जीनोम सीक्वेंसिंग ही सर्वोत्तम उपाय है. इसके अलावा अगर व्यक्ति की कॉन्टेक्ट हिस्ट्री है तो ओमिक्रॉन वेरिएंट का अनुमान लगाया जा सकता है.
देश में रोजाना 16 हजार से ऊपर कोरोना के मामले
ओमिक्रॉन वेरिएंट के मामले देश में लगातार बढ़ रहे हैं. वहीं कोरोना के कुल केसेज में भी बढ़ोत्तरी देखने को मिल रही है. पिछले दिनों में रोजाना सात हजार के आसपास आ रहे कोरोना के मामलों के बाद अब 16 हजार से ज्यादा संक्रमित मिल रहे हैं. भारत के अलावा विदेशों में भी मरीजों की संख्या बहुत तेजी से बढ़ रही है, हालांकि ओमिक्रॉन की संक्रमण दर भले ही ज्यादा है लेकिन इसकी वजह से मृत्यु दर अभी भी काफी कम है. ऐसे में कोविड अनुरूप व्यवहार अपनाने के साथ ही दैनिक जीवन में सावधानी बरतने की जरूरत है. इसके साथ ही जरा भी लक्षण दिखाई देने पर तत्काल कोविड की जांच कराने की जरूरत है.