पांच प्रतिशत जीएसटी बढ़ने से महिलाओं में असंतोष

Update: 2022-07-21 16:49 GMT

नई दिल्ली/नोएडा : केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में बीते दिनों हुई जीएसटी काउंसिल की बैठक में कई अहम निर्णय लिए गए थे. इस बैठक में खाने-पीने की कई चीजें, जो पहले जीएसटी के दायरे से बाहर थी उन पर भी जीएसटी लगा दिया गया है. इससे रोजमर्रा की चीजें अब महंगी हो गई हैं.

पैकेटबंद और लेबल वाले खाद्य पदार्थ मसलन आटा, दालें और अनाज सोमवार से माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के दायरे में आ गए हैं. इन खाद्य पदार्थों के 25 किलोग्राम से कम वजन के पैक पर पांच प्रतिशत जीएसटी लागू हो गया है. उन उत्पादों पर जीएसटी लगेगा, जिनकी आपूर्ति पैकेटबंद सामग्री के रूप में की जा रही है. हालांकि, इन पैकेट बंद सामान का वजन 25 किलोग्राम से कम होना चाहिए. दही और लस्सी जैसे पदार्थों के लिए यह सीमा 25 लीटर है.

नोएडा में रहने वाली गृहणियों का कहना है कि रसोई में रोजाना इस्तेमाल होने वाली सभी चीजों पर जीएसटी लगने से घर का बजट बिगड़ जाएगा. पहले से महंगाई बढ़ रही है. ऐसे घेरलू इस्तेमाल की चीजों पर जीएसटी लगाने से आम आदमी का घर चलाना मुश्किल हो जाएगा.

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