प्रदेश सरकार के करोड़ों रुपये खर्च होने के बाद भी गाजियाबाद में 3400 बच्चे कुपोषण के शिकार
एनसीआर गाजियाबाद न्यूज़: कुपोषण पर प्रदेश सरकार के करोड़ों रुपये खर्च होने के बाद भी जिले में 3410 बच्चे कुपोषण के शिकार हैं. यूनिसेफ की हाल ही में आई रिपोर्ट के मुताबिक 414 बच्चे कुपोषण के घातक स्तर पर हैं. इनमें उपचार के बाद लगभग 2 हजार बच्चे कुपोषण के खतरनाक स्तर से बाहर आ गए हैं. कुपोषण के मामले में डासना, लोनी और मुरादनगर अव्वल स्थान पर हैं.
यूनिसेफ की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में हर तीन में से एक व्यक्ति कुपोषण से प्रभावित है.. जबकि राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 के मुताबिक प्रत्येक पांच भारतीयों में से एक का बीएमआई 18.5 से कम है. इतना ही नहीं, हर चौथा पुरुष और दूसरी महिला एनीमिक है. उक्त सर्वे में यह भी सामने आया है कि तीन में से एक महिला सप्ताह में केवल एक बार ही हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन करती हैं, जबकि दो में से एक महिला सप्ताह में एक बार भी फल का सेवन नहीं करतीं.
इतना ही नहीं सर्वे में बताया गया है कि छह माह से 23 माह के दस बच्चों में से केवल एक को ही पर्याप्त आहार मिलता है. कुपोषण की समस्या को रोकने के लिए प्रधानमंत्री जननी सुरक्षा योजना और मातृ वंदना योजना चला रही है. इन योजनाओं के तहत गर्भवती स्त्रित्त्यों को खून की कमी और अन्य बीमारियों से बचाने के साथ उनके गर्भ में पल रहे बच्चों को स्वस्थ रखने का प्रयास किए जाते हैं. लेकिन पिछले एक साल में जन्में 3410 बच्चे कुपोषण का शिकार हैं. इनमें से भी 414 बच्चे ऐसे हैं जो कुपोषण के सबसे घातक स्तर पर हैं.