सुप्रीम कोर्ट से UGC NET के री-एग्जाम पर रोक लगाने की मांग

Update: 2024-07-22 03:46 GMT
UGC NET यूजीसी नेट परीक्षा रद्द करने के केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के फैसले के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में एक याचिका दायर की गई है। मंत्रालय ने परीक्षा की पारदर्शिता से समझौता होने की जानकारी मिलने के बाद यह निर्णय लिया था। मंत्रालय ने 19 जून को यूजीसी नेट परीक्षा रद्द करने का आदेश दिया था और मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी थी। याचिका पर प्रधान न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ सुनवाई करने वाली है। 'गलत सबूतों के आधार पर रद्द की गई यूजीसी नेट परीक्षा'
अधिवक्ता उज्ज्वल गौर द्वारा दायर याचिका में यूजीसी-नेट परीक्षा की प्रस्तावित पुन: परीक्षा EXAM  पर उस वक्त तक रोक लगाने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है, जब तक कि सीबीआई प्रश्नपत्र लीक के आरोपों की जांच पूरी नहीं कर लेती। याचिका में कहा गया है, ''याचिकाकर्ता का कहना है कि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के हालिया निष्कर्षों को ध्यान में रखते हुए (पुन:परीक्षा आयोजित करने का) यह निर्णय न केवल मनमाना है, बल्कि अन्यायपूर्ण भी है। सीबीआई की जांच से यह तथ्य सामने आया है कि प्रश्नपत्र लीक का दावा करने वाले सबूतों के साथ छेड़छाड़ की गई है।'' जिस सबूत पर UGC NET परीक्षा रद्द हुई, वह पुराना छेड़छाड़ किया प्रश्न पत्र निकला, स्कूल के बच्चे ने की थी शरारत याचिकाकर्ता ने दलील दी है कि परीक्षा को अनावश्यक रद्द करने से उन अभ्यर्थियों को काफी परेशानी हुई, जिन्होंने इस महत्वपूर्ण परीक्षा के लिए कड़ी मेहनत की थी। याचिका में कहा गया है कि इस निर्णय ने अनगिनत छात्रों की शैक्षणिक और पेशेवर योजनाओं को बाधित किया है, जिससे परीक्षा प्रणाली में उनका भरोसा कम हुआ है। याचिकाकर्ता ने दलील दी कि झूठे साक्ष्य के आधार पर परीक्षा रद्द करना न्याय नहीं होने के समान है। यह भारत के संविधान में निहित निष्पक्षता और समानता के मूल सिद्धांतों का उल्लंघन करता है।
याचिका में, न्यायालय से सीबीआई को यूजीसी-नेट परीक्षा  PAPER पेपर लीक  आरोपों की जांच में तेजी लाने और विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है। इस बार राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (नेट) एक ही दिन - 18 जून को आयोजित की गई, जिसके लिए 11 लाख छात्रों ने पंजीकरण कराया था। यूजीसी-नेट परीक्षा का आयोजन जूनियर रिसर्च फेलोशिप, सहायक प्रोफेसर के रूप में नियुक्ति और विश्वविद्यालयों व कॉलेजों में पीएचडी में दाखिले के लिए किया जाता है।
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