नई दिल्ली: सीबीआई ने दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) में याचिका दायर कर टू-जी स्पेक्ट्रम (2G spectrum case) मामले में पूर्व केंद्रीय मंत्री ए राजा (A Raja in 2G spectrum case) और दूसरे आरोपियों को बरी करने के ट्रायल कोर्ट के आदेश के खिलाफ दायर याचिका पर रोजाना सुनवाई करने की मांग (CBI asks daily hearing in 2G spectrum case)की है. जस्टिस योगेश खन्ना की बेंच ने 22 और 23 सितंबर को सुनवाई करने का आदेश दिया है. सीबीआई ने अपनी अर्जी में कहा है कि ए राजा समेत दूसरे आरोपियों को बरी करने के आदेश के खिलाफ दायर उसकी अपील पर रोजाना सुनवाई कर जल्द फैसला जरूरी है.सीबीआई की ओर से एएसजी संजय जैन ने अपील पर दलीलों को सुनने के लिए शेड्यूल तय करने की मांग की. मामले की अगली सुनवाई 22 और 23 सितंबर को करने का आदेश दिया. 23 नवंबर 2020 को जस्टिस बृजेश सेठी की बेंच ने आरोपियों की उस अर्जी को खारिज कर दी थी जिसमें उन्होंने जरूरी स्वीकृति नहीं मिलने की वजह से सीबीआई की अपील को खारिज करने की मांग (CBI asks daily hearing in 2G spectrum case) की थी. हाईकोर्ट ने कहा था कि प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट में हुआ संशोधन उन मामलों पर लागू नहीं होता जो संशोधन के पहले के हैं. ये संशोधन पहले के कानून के काटने के लिए नहीं किए गए हैं. जस्टिस बृजेश सेठी ने कहा था कि सीबीआई को अपील दायर करने की स्वीकृति लेने की जरूरत नहीं है क्योंकि खुद स्पेशल पब्लिक प्रोसिक्यूटर ने अपील दायर की है.
जस्टिस बृजेश सेठी के 30 नवंबर 2020 को रिटायर होने के बाद इस मामले को जस्टिस योगेश खन्ना की बेंच के समक्ष लिस्ट किया गया. इस मामले में सीबीआई और ईडी ने ए राजा और कनिमोझी समेत सभी 19 आरोपियों को बरी करने के ट्रायल कोर्ट के फैसले को चुनौती दी है. 25 मई 2018 को कोर्ट ने पूर्व केंद्रीय मंत्री ए राजा और कनिमोझी समेत सभी आरोपियों को नोटिस जारी किया था. हाईकोर्ट ने इसी मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की अपील पर सुनवाई करते हुए सभी आरोपियों को नोटिस जारी किया है. बता दें कि पटियाला हाउस कोर्ट ने 21 दिसंबर 2017 को फैसला सुनाते हुए सभी आरोपियों को बरी कर दिया था. जज ओपी सैनी ने कहा था कि अभियोजन पक्ष यह साबित करने में नाकाम रहा है कि दो पक्षों के बीच पैसे का लेन देन हुआ है.