नई जनगणना के बाद सही रहेगा परिसीमन: आयोग

Update: 2022-07-20 06:38 GMT

दिल्ली न्यूज़: केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा एमसीडी के वार्डों का परिसीमन करने के लिए बनाए आयोग ने वर्ष 2011 की जनगणना के बजाय इस दशक की जनगणना की रिपोर्ट के तहत वार्ड बनाने की सलाह दी है। आयोग का कहना है कि करीब एक दशक के दौरान अनेक इलाकों में जनसंख्या बढ़ गई है, जबकि कुछ इलाकों में जनसंख्या कम हुई है। हालांकि इस बारे में आंकड़े उपलब्ध नहीं है। लिहाजा वर्तमान दशक की जनगणना के आंकड़े आने के बाद ही स्थिति साफ हो पाएगी। सूत्रों के अनुसार, आयोग ने अपनी मंशा से केंद्रीय गृह मंत्रालय को अवगत कराया है। आयोग ने कहा कि वर्तमान दशक की जनगणना के आंकड़े आने के बाद ही वार्डों का गठन करना सही होगा। इसके बाद वार्डों में एक समान जनसंख्या एवं मतदाताओं की संख्या शामिल की जा सकेगी। उधर, आयोग को केंद्रीय गृह मंत्रालय से एमसीडी के वार्डों का परिसीमन करने के मापदंडों के संबंध में अभी कोई दिशा-निर्देश नहीं मिले हैं। आयोग ने अपनी पहली बैठक में निर्णय लिया था कि वह केंद्रीय गृह मंत्रालय के दिशा निर्देशों के तहत वार्डों का परिसीमन करेेगा। इस दौरान आयोग ने एमसीडी के वार्डों की संख्या और उनमें जनसंख्या व मतदाताओं की संख्या के बारे में केंद्र गृह मंत्रालय से जानकारी मांगी थी। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने आयोग को चार माह में वार्डों का परिसीमन करके रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं।

आंकड़ों का अध्ययन किया: आयोग ने वर्ष 2011 की जनगणना के तहत वार्डों का परिसीमन करने के लिए आंकड़ों का अध्ययन करना शुरू किया। उसे एमसीडी के अधिकार क्षेत्र में आने 68 विधानसभा क्षेत्रों में वर्ष 2011 की जनगणना एवं वर्तमान में मतदाताओं की संख्या में अधिक अंतर नहीं मिला। उसे नौ विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2011 की जनगणना से वर्तमान में मतदाताओं की संख्या अधिक मिली, वहीं करीब 15 विधानसभा क्षेत्रों में जनसंख्या और मतदाताओं की संख्या में एक से 10 प्रतिशत अंतर मिला। इस तरह वह वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार वार्डों का परिसीमन करना मुश्किल कार्य मान रहा है, जबकि दिल्ली की वर्तमान में अनुमानित जनसंख्या व मतदाताओं की संख्या में करीब 25 प्रतिशत अंतर है।

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