नई दिल्ली: एमसीडी वार्डों के परिसीमन पर मुहर लग गई है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने परिसीमन के मसौदे पर हस्ताक्षर करके फाइल दिल्ली राज्य चुनाव आयोग के पास भेज दी है। इतना ही नहीं, मंत्रालय ने परिसीमन के संबंध में अधिसूचना जारी कर दी है। लिहाजा दिल्ली राज्य चुनाव आयोग जल्द ही वार्डों का ब्योरा जारी करेगा। दिल्ली राज्य चुनाव आयोग के अनुसार एमसीडी के वार्डों के परिसीमन की फाइल केंद्रीय गृह मंत्रालय से उसके पास पहुंच गई है। इस तरह एमसीडी के वार्डों का परिसीमन करने की प्रक्रिया पूरी हो गई है। अब केवल वार्डों का ब्योरा जारी करने शेष रह गया है। आयोग की ओर से एक-दो दिन में वार्डों का ब्योरा भी जारी किए जाने की संभावना है।
आयोग के अनुसार एमसीडी के वार्डों की संख्या 272 से 250 कर दी गई है और विधानसभा क्षेत्रों में तीन से लेकर छह वार्ड होंगे। आयोग ने वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार वार्ड में आबादी और उनका इलाका तय किया है। इस तरह कम आबादी वाले विधानसभा क्षेत्रों में वार्डों की संख्या है और अधिक आबादी वाले विधानसभा क्षेत्रों में वार्डों की संख्या ज्यादा की गई है। वर्ष 2007 में एमसीडी के वार्डों की संख्या 134 से बढ़ाकर 272 कर दी गई थी और वर्ष 2012 में एमसीडी का तीन हिस्सों में विभाजन होने के बाद भी उनमें वार्डों की संख्या 272 ही थी, लेकिन इस साल तीनों नगर निगम का विलय करके एमसीडी बनाने के दौरान वार्डों की संख्या 272 से कम करके 250 करने का निर्णय लिया गया। इस कारण वार्डों का नए सिरे से गठन किया गया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एमसीडी के वार्डों का गठन करने के लिए आठ जुलाई को परिसीमन आयोग का गठन किया था। इस आयोग ने गत 12 सितंबर को वार्डों के परिसीमन का ड्राफ्ट जारी किया था और गत तीन अक्तूबर तक ड्राफ्ट पर आपत्ति मांगी थी। इस दौरान आयोग के समक्ष लोगों ने 1720 आपत्ति दर्ज की गई थी। इन आपत्तियों को दूर करके आयोग नेेे गत सप्ताह के अंत में परिसीमन की रिपोर्ट केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास भेजी थी। आयोग को चार माह के अंतर परिसीमन का कार्य पूरा करना था।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने दिल्ली राज्य चुनाव आयोग को एमसीडी के वार्ड अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित करने का अधिकार दिया है। इसी तरह आयोग को महिलाओं के लिए वार्ड आरक्षित करने का भी अधिकार दिया है। एमसीडी के 250 वार्डों में 42 वार्ड अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित किए जाएगे, जबकि अनुसूचित जाति के लिए किए जाने वाले सुरक्षित वार्डों के साथ-साथ सामान्य वर्ग के वार्डों में 50 प्रतिशत वार्ड महिलाओं के लिए आरक्षित करने का प्रावधान है। अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित वार्डों में महिलाओं के लिए 21 वार्ड और सामान्य वर्ग 104 वार्ड महिलाओं के लिए आरक्षित होंगे। आम तौर पर यह प्रक्रिया चुनाव की घोषणा करने से कुछ दिन पहले की जाती है।