दिल्ली की अर्थव्यवस्था ने पकड़ी रफ्तार, जीएसटी संग्रह में रिकॉर्ड 33 % का आया उछाल

Update: 2022-11-03 07:32 GMT

दिल्ली न्यूज़: कोरोना महामारी से उबरने के बाद अब दिल्ली की अर्थव्यवस्था ने रफ्तार पकड़ ली है। चालू वित्त वर्ष के 7 महीनों में दिल्ली सरकार का वैट और माल एवं सेवा कर संग्रह (जीएसटी) 2021-22 की तुलना में रिकॉर्ड 33 प्रतिशत बढ़ गया है। जिससे सरकार को उम्मीद है कि मौजूदा वित्तीय वर्ष में इसका संग्रह अनुमानों से अधिक हो जाएगा। आंकड़ों के अनुसार दिल्ली सरकार ने 2022-23 में एक अप्रैल से लेकर 31 अक्तूबर तक 2021-22 की 15012.43 करोड़ रुपए की तुलना में जीएसटी व वैट से 19937.48 करोड़ रुपए एकत्र किए हैं। विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि कोरोना महामारी के बाद वस्तुओं की बिक्री में उछाल से राजस्व संग्रह में सुधार आया है, जिससे दिल्ली की अर्थव्यवस्था और बेहतर होगी। विभाग के अनुसार दिल्ली सरकार ने चालू वित्त वर्ष के अक्तूबर माह में जीएसटी व वैट से 3585.35 करोड़ रूपए जुटाए हैं, जबकि पिछले वित्त वर्ष के अक्तूबर माह में महज 2405.73 करोड़ ही जुटा पाई थी। उम्मीद है कि जीएसटी संग्रह में और वृद्धि होगी। पिछले दो वित्तीय वर्ष 2020-21 और 2021-22 कोविड-19 महामारी से प्रभावित थे, जिसके चलते कम राजस्व संग्रह हुआ। लॉकडाउन की वजह से 2020-21 में निगेटिव ग्रोथ हुई थी, लेकिन 2021-22 अपेक्षाकृत बेहतर था। मगर चालू वित्त वर्ष में कोविड-19 का कोई प्रभाव नहीं है और आर्थिक गतिविधियां भी लगातार बढ़ रही हैं।

बता दें कि जीएसटी दिल्ली सरकार के कर संग्रह का मुख्य आधार है। सरकार ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए विधानसभा में 75 हजार करोड़ से अधिक का बजट पेश किया था। जिसमें से 47,700 करोड़ रुपए कर संग्रह का अनुमान लगाया गया है। जिसमें जीएसटी और वैट 31,200 करोड़ रुपए आंका गया है, जबकि संपत्ति की बिक्री पर स्टांप और पंजीकरण शुल्क व मोटर वाहनों पर रोड टैक्स जैसे अन्य राजस्व संग्रह भी हैं। अधिकारियों ने कहा कि चालू वित्त वर्ष के पहले 7 महीनों में सरकार ने मूल्य वर्धित कर (वैट) के रूप में 3141.71 करोड़ रुपए एकत्र किए हैं। वैट पेट्रोलियम उत्पादों और शराब पर लगाया जाता है, जबकि अन्य सभी उत्पाद और सेवाएं जीएसटी के दायरे में आती हैं।

एक महीने में रिकॉर्ड 71,311 वाहनों का पंजीकरण: एक अक्तूबर से 31 अक्तूबर तक दिल्ली में रिकॉर्ड 71,311 वाहन पंजीकृत हुए हैं। जिसमें 47164 दोपहिया और 17162 कारें शामिल थीं। इन दोनों श्रेणी के वाहनों की बढ़ रही संख्या दिल्ली की बढ़ रही आर्थिक समृद्धि की ओर इशारा कर रही है। इस माह दीवाली और धनतेरस पर इन वाहनों की अधिक बिक्री हुई है। इसमें धनतेरस पर कुल 3761 वाहन पंजीकृत हुए हैं। इसमें 1373 कारें और 2008 दोपहिया शामिल थे। इसी तरह छोटी बड़ी दीवाली को मिलाकर दीवाली पर कुल 3033 वाहन पंजीकृत हुए हैं। इनमें 640 कारें तथा 2364 दोपहिया शामिल हैं। इस हिसाब से धनतेरस पर कारें अधिक और दीवाली पर दोपहिया अधिक पंजीकृत हुए हैं। अगर हम दीवाली और धनतेरस के कुल वाहनों के आंकड़ों की बात करें तो 6749 वाहन पंजीकृत हुए हैं। इनमें 2607 कारें और 4372 दोपहिया पंजीकृत हुए हैं। अक्तूबर माह में सबसे अधिक इलेक्ट्रिक वाहन पंजीकृत होने का रिकार्ड भी बना है। अक्तूबर में 7100 इलेक्ट्रिक वाहन पंजीकृत हुए हैं। जानकार मान रहे हैं कि अगले महीनों में स्थिति और भी बेहतर होने की पूरी संभावना है।

जनवरी 2022 से अक्तूबर तक प्रतिमाह पंजीकृत वाहन:

जनवरी-42440

फरवरी-42704

मार्च-47863

अप्रैल-51697

मई-47385

जून-46225

जुलाई-50282

अगस्त-51457

सितंबर-44217

अक्तूबर-71311

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